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Chardham Yatra : भारत में चार धाम यात्रा धार्मिक महत्व रखती है, जिसमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री शामिल हैं. यह यात्रा मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मानी जाती है.

चार धाम यात्रा में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री का महत्व
हाइलाइट्स
- चार धाम यात्रा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है.
- बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री शामिल हैं.
- यह यात्रा मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मानी जाती है.
Chardham Yatra : भारत ही नहीं पूरी दुनिया में सनातन धर्म के लिए चार धाम यात्रा सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा मानी जाती है. माना जाता है कि चार धाम यात्रा करने वाले लोगों का मोक्ष हो जाता है. इन्हें पुनर्जन्म नहीं मिलता है. यह यात्रा लगभग अप्रैल से सितंबर तक हर साल होती है. इन चार धाम के अलावा एक छोटा चार धाम भी होता है.जिसमें चार तीर्थ क्षेत्र की यात्रा करके ही एक धाम को पूरा माना जाता है. यह बद्रीनाथ धाम की यात्रा है.इस यात्रा में आपको धर्म, अध्यात्म के साथ पर्यटन का आनंद भी मिलेगा. इस यात्रा में आपको हिमालय की सैर के साथ सुंदर बर्फीले पहाड़, झरने, नदियां एवं सुंदर मनोरम दृश्य और ट्रेकिंग के लिये अच्छे ट्रैक भी मिलेंगे.
क्या है छोटा चारधाम : जब व्यक्ति बद्रीनाथ धाम की यात्रा के लिए जाता है तो बद्रीनाथ धाम की यात्रा वहां मौजूद तीन अन्य तीर्थ क्षेत्र की यात्रा के बिना पूरी नहीं मानी जाती है. ये चार धाम बद्रीनाथ के अलावा केदारनाथ धाम, गंगोत्री एवं यमुनोत्री को माना जाता है. यह चार धाम की यात्रा सनातन धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण है.आइये यहां मौजूद सभी तीर्थ क्षेत्र के बारे में विस्तार से जानते हैं.
बद्रीनाथ धाम : यह उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में हिमालय की चोटियों में बस भगवान विष्णु का तपस्थल है. बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु के चार धाम में से एक प्रमुख धाम है. यहां मौजूद भगवान विष्णु के चरण पादुका एवं वसुधारा जलप्रपात, वासुकी ताल, सतोपंथ त्रिकोणीय झील जो बर्फ से ढके रहने के कारण देखने लायक दर्शनीय स्थल है.
केदारनाथ : भगवान भोलेनाथ को समर्पित, उनके 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग है. भगवान केदारनाथ के दर्शन के बाद आप गौरीकुंड, त्रिगुणीनारायण मंदिर के साथ गुप्तकाशी और भैरवनाथ मंदिर भी देख सकते हैं.यह दुनिया की बहुत खूबसूरत जगह मानी जाती है.
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गंगोत्री : यह मां गंगा का उद्गम स्थल माना जाता है. गंगोत्री तीर्थ क्षेत्र में आप अत्यंत दुर्लभ गोमुख कर सकते हैं जहां से मां गंगा निकलकर आ रही है. यह मौजूद भागीरथी शिला पर ही राजा भगीरथ ने तपस्या करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया.
यमनोत्री : यमुनोत्री तीर्थ क्षेत्र को मां यमुना का निवास स्थान माना जाता है. बद्रीनाथ धाम की यात्रा यमुनोत्री धाम से ही शुरू होती है. यमुनोत्री में आप सूर्यकुंड, हनुमान चट्टी, सप्तऋषि कुंड झील के साथ अन्य पर्यटन स्थल भी देख सकते हैं.
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