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Inverter placement as per Vastu। किस दिशा में होना चाहिए इन्वर्टर


Vastu For Inverter Direction: वास्तु शास्त्र सिर्फ दीवारों या दरवाजों की दिशा देखने का विज्ञान नहीं है, बल्कि ये उस एनर्जी को समझने की कला है जो हर दिशा से हमारे जीवन पर असर डालती है, अगर आपने ध्यान दिया हो तो हर दिशा किसी न किसी जीवन क्षेत्र से जुड़ी होती है – जैसे उत्तर दिशा धन से, पूर्व दिशा सफलता से और पश्चिम यानी वेस्ट दिशा “गेन” या लाभ से जुड़ी होती है. यानी हमारी मेहनत से जो हम कमाते हैं, उसमें से जो हमारे पास टिकता है, वो वेस्ट दिशा की एनर्जी पर निर्भर करता है. बहुत बार लोग मेहनत तो बहुत करते हैं लेकिन पैसे टिकते नहीं, सेविंग्स नहीं बनतीं या बिज़नेस में फायदा कम महसूस होता है – इसका एक बड़ा कारण गलत दिशा में इलेक्ट्रिक या एनर्जी बेस्ड चीज़ों का होना होता है. ऐसे में अगर आपका इन्वर्टर या बैटरी सिस्टम वेस्ट दिशा में है, तो ये आपकी लाइफ में जबरदस्त पॉजिटिव इफेक्ट डाल सकता है. आइए समझते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह से कि ऐसा क्यों कहा जाता है और इसके पीछे वास्तु का लॉजिक क्या है.

-वेस्ट दिशा को वास्तु शास्त्र में “गेन की दिशा” कहा गया है. इसका सीधा मतलब है – जो भी आप कमाते हैं, उसमें से जो आपके पास बचता है, वो इसी दिशा की एनर्जी से जुड़ा होता है, ये दिशा मटेरियल गेन, यानी वो सुविधाएं और चीजें जिनसे आप अपनी इच्छाएं पूरी करते हैं, उनसे सीधी तरह जुड़ी है.

-जब घर या ऑफिस में इन्वर्टर वेस्ट दिशा में रखा जाता है, तो ये दिशा की पॉजिटिव एनर्जी को एक्टिवेट करता है. इन्वर्टर एक ऐसा इलेक्ट्रिक डिवाइस है जो एनर्जी को स्टोर करता है – और वास्तु के हिसाब से वेस्ट दिशा वही दिशा है जो “सेव” करने की क्षमता को दर्शाती है. यानी दोनों का नेचर एक जैसा है – स्टोरेज और गेन. इस वजह से दोनों का मेल बेहतरीन माना जाता है.

-वास्तु एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर इन्वर्टर इस दिशा में ठीक से प्लेस किया गया हो, तो आपके काम में स्थिरता बढ़ती है, बिज़नेस रिलेशन मजबूत होते हैं और लोगों का सपोर्ट आपको मिलने लगता है. कई बार लोग शिकायत करते हैं कि मेहनत के बावजूद पैसा टिकता नहीं, या क्लाइंट्स से पेमेंट अटक जाते हैं – ऐसे मामलों में वेस्ट दिशा का वास्तु बेहद असरदार साबित होता है.

-अगर इन्वर्टर कहीं गलत दिशा में जैसे ईशान (नॉर्थ-ईस्ट) या दक्षिण-पूर्व (साउथ-ईस्ट) में रखा हो, तो ये गेन की जगह खर्चे बढ़ा देता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वो दिशा आग और फायर एलिमेंट से जुड़ी है, जो एनर्जी को स्टोर करने की जगह उसे जलाने का काम करती है. इसलिए इन्वर्टर को हमेशा वेस्ट या वेस्ट-साउथ-वेस्ट में रखना सबसे अच्छा माना गया है.

-जब ये दिशा एनर्जेटिक होती है, तो आपके बायर्स, सप्लायर्स, लेबर और स्टाफ सब आपके साथ सहयोगी हो जाते हैं. बिज़नेस में अड़चनें कम होने लगती हैं और मुनाफा धीरे-धीरे बढ़ने लगता है. यही वजह है कि इस दिशा में रखा इन्वर्टर सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि गेन एनर्जी को एक्टिव करने वाला टूल बन जाता है.

-अगर आपका घर या ऑफिस पहले से बना हुआ है और इन्वर्टर किसी और दिशा में है, तो उसे तुरंत शिफ्ट करना जरूरी नहीं. पहले उसकी लोकेशन वेस्ट दिशा के करीब एडजस्ट करें या वास्तु फ्रेंडली उपाय अपनाएं – जैसे वेस्ट वॉल पर गोल्डन मेटल स्ट्रिप लगाना या उस जगह पर येलो कलर का छोटा सा पेंट पैच बनवाना. इससे भी गेन एनर्जी एक्टिव होती है.

-एक और दिलचस्प बात ये है कि वेस्ट दिशा सूर्यास्त की दिशा भी होती है – यानी दिनभर की मेहनत का परिणाम इसी दिशा में महसूस होता है. इसलिए यहां का एनर्जी फ्लो आपके रिजल्ट्स और गेन पर सीधा असर डालता है.
इन्वर्टर जैसे उपकरण इस फ्लो को स्थिर बनाते हैं, जिससे एनर्जी का संतुलन लंबे समय तक बना रहता है.


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https://hindi.news18.com/astro/astro-tips-vastu-tips-for-inverter-direction-which-is-right-place-to-placement-how-it-impact-on-life-ws-ekl-9774243.html

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