श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. जन्माष्टमी के दिन लोग व्रत रखते हैं और मध्य रात्रि में लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव मनाते हैं. इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन दुर्लभ जयंती योग बन रहा है. इस योग में मनाई जाने वाली श्रीकृष्ण जन्माष्टमी अक्षय पुण्यदायी मानी जाती है. जन्माष्टमी पर जयंती योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेगा. इस योग में आप जो भी कार्य करेंगे, वह सफल होगा. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कब है? जन्माष्टमी का मुहूर्त और पारण समय क्या है?
किस दिन है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त सोमवार को तड़के 3 बजकर 39 एएम पर प्रारंभ होगी. यह तिथि अगले दिन 27 अगस्त मंगलवार को 2 बजकर 19 एएम पर खत्म होगी. उदयातिथि के आधार पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व 26 अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बना जयंती योग
इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर जयंती योग बन रहा है. जयंती योग से तात्पर्य है कि जब द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और उस समय जो योग बना था, वहीं योग इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बनने वाला है. उसे ही जयंती योग कहा जाता है.
पौराणिक कथाओं कि अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में वृषभ राशि के चंद्रमा में हुआ था. इस साल भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र दोपहर 03:55 पी एम से 27 अगस्त को 03:38 पी एम तक है. इस बार भी जन्माष्टमी के दिन चंद्रमा वृषभ राशि में ही मौजूद रहेगा.
जन्माष्टमी 2024 सर्वार्थ सिद्धि योग
26 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेगा. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 03:55 पी एम से 27 अगस्त को 05:57 ए एम तक रहेगा.
जन्माष्टमी 2024 मुहूर्त
इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा का मुहूर्त 45 मिनट का है. 26 अगस्त को जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त देर रात 12:01 ए एम से 12:45 ए एम तक है. जो लोग व्रत रखेंगे, वे रात्रि में 12:01 ए एम से बाल गोपाल का जन्मोत्सव मनाएंगे.
जन्माष्टमी 2024 पारण का समय
यदि आप श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे तो व्रत का पारण श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद कर सकते हैं. इस तरह से व्रत का पारण 12:45 ए एम के बाद होगा यानि श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाने के बाद आप पारण करके व्रत को पूरा कर सकते हैं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पारण का यह समाज में प्रचलित विधि है.
हालांकि धर्म शास्त्रों के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पारण 27 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र की समाप्ति के बाद करना है. उस आधार पर पारण का समय 03:38 पी एम के बाद है. आप चाहें तो जन्माष्टमी अगले दिन सूर्योदय के बाद भी पारण करके व्रत को पूरा कर सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 11:59 IST
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