जितिया व्रत पर 5 शुभ संयोग
1. इस साल की जितिया पर महालक्ष्मी व्रत का समापन हो रहा है.
3. आज रवि योग सुबह 06:05 ए एम से 08:41 ए एम तक है.
5. आज रोहिणी नक्षत्र प्रात:काल से लेकर 08:41 ए एम तक है, उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र है.
जितिया का शुभ मुहूर्त और पारण समय
आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि का समापन: कल, सोमवार, 3:06 एएम पर
जितिया सुबह पूजा मुहूर्त: 7:38 ए एम से दोपहर 12:16 पी एम तक
जितिया संध्या पूजा मुहूर्त: 6:27 पी एम से 07:55 पी एम तक
जितिया पारण समय: कल, सोमवार, 06:06 ए एम के बाद
जितिया व्रत की विधि
माताएं संतान की सुरक्षा के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इसमें अन्न, जल, फल, दूध आदि का सेवन वर्जित है. इसमें व्रती को ब्रह्मचर्य के नियमों का कड़ाई से पालन करना होता है. इस व्रत में कुश से गंधर्व राजकुमार जीमूतवाहन की मूर्ति बनाते हैं. कई क्षेत्रों में मादा सियार और मादा चील की मूर्ति की पूजा करते हैं.
जितिया पूजा विधि
2. उसके बाद जीमूतवाहन की पूजा अक्षत्, फूल, माला, धूप, दीप आदि से करें.
4. अब व्रती को मिट्टी और गोबर से मादा चील और सियार की मूर्ति बनानी चाहिए.
6. फिर माताएं जितिया व्रत कथा या जीवित्पुत्रिका व्रत कथा सुनें. पूजा के समापन के समय संतान के सुखी जीवन की प्रार्थना करें.
जितिया पारण की विधि
कल यानि 15 सितंबर को सूर्योदय के बाद जितिया का पारण करें. पारण में व्रती को रागी की रोटी, तोरई और नोनी साग की सब्जी खानी चाहिए.
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https://hindi.news18.com/news/dharm/jitiya-vrat-2025-puja-vidhi-samagri-muhurat-niyam-shubh-sanyoga-jivitputrika-vrat-paran-ka-tarika-ws-kl-9617042.html