Wednesday, November 12, 2025
30 C
Surat

Kaal Bhairav Jayanti 2025 Puja Vidhi। काल भैरव जयंती की पूजा विधि, मंत्र और आरती


Kaal Bhairav Puja Vidhi: भगवान शिव के कई रूप हैं, लेकिन उनमें सबसे रहस्यमयी और शक्तिशाली रूप माने जाते हैं कालभैरव , ये शिव के उस तेजस्वी स्वरूप का प्रतीक हैं जो अधर्म और अन्याय का अंत करता है. कहा जाता है कि जब ब्रह्मा ने अहंकार में आकर भगवान शिव का अपमान किया, तब महादेव के क्रोध से कालभैरव का जन्म हुआ. इस रूप ने अहंकार का नाश किया और धर्म की रक्षा की. हर साल मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कालभैरव का प्रकट दिवस मनाया जाता है, जिसे कालभैरव जयंती या कालभैरव अष्टमी कहते हैं. इस साल यह पावन तिथि 12 नवंबर, बुधवार 2025 यानी आज मनाई जा रही है. इस दिन भक्त कालभैरव की पूजा, आरती और मंत्र जाप करके अपने जीवन से नकारात्मकता, भय और शत्रु बाधाओं को दूर करने का संकल्प लेते हैं. कहा जाता है कि इस दिन पूजा करने से व्यक्ति को असाधारण शक्ति, आत्मविश्वास और सफलता की प्राप्ति होती है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

कालभैरव जयंती 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
भैरव जयंती की पूजा आम तौर पर निशीथ काल यानी रात के बारह बजे के करीब की जाती है, लेकिन भक्त अपनी सुविधा अनुसार दिन में भी पूजन कर सकते हैं. इस साल के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं –

सुबह 10:48 से दोपहर 12:10 तक
दोपहर 2:55 से शाम 4:17 तक
शाम 4:17 से 5:39 तक
रात 12:10 से 1:50 तक (निशीथ काल मुहूर्त )

जो लोग पूरे दिन व्रत रखते हैं, उन्हें रात के मुहूर्त में पूजा जरूर करनी चाहिए. माना जाता है कि इसी समय भगवान भैरव की ऊर्जा सबसे प्रबल होती है.

इस तरह करें कालभैरव पूजा (Kalabhairav Puja Vidhi)
1. सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.
2. घर में किसी शांत और पवित्र जगह लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं.
3. चौकी पर भगवान कालभैरव की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें.
4. हाथ में जल, फूल और चावल लेकर पूजा का संकल्प लें “मैं भगवान कालभैरव की कृपा पाने के लिए श्रद्धा से यह व्रत कर रहा/रही हूं.”
5. इसके बाद भगवान को फूल, माला, तिलक, अबीर, चावल, जनेऊ, मिठाई और नारियल अर्पित करें.
6. सरसों के तेल का दीपक जलाएं यह भगवान भैरव को बहुत प्रिय माना गया है.
7. पूजा के दौरान मन ही मन “ऊं कालभैरवाय नमः” मंत्र का जाप करें.
8. पूजा के बाद बटुक भैरव कवच या कालभैरव स्तोत्र का पाठ करना शुभ माना जाता है.
9. पूजा पूरी होने पर आरती करें और अंत में जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र का दान दें.

भगवान कालभैरव की आरती (Kaal Bhairav Aarti)

जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा।
जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।।
तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक।
भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।
वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी।
महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी।।
तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी।
कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी।।
पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत।
बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत।।
जो कोई नर श्रद्धा से आरती गावे।
भैरव कृपा से वह मनवांछित फल पावे।।

कालभैरव पूजा का महत्व
कालभैरव की पूजा सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि आत्मिक रूप से भी बहुत शक्तिशाली मानी जाती है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर श्रद्धा से पूजा करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है, ये पूजा शत्रु बाधाओं, नकारात्मक ऊर्जा, बुरे स्वप्न और भय से मुक्ति दिलाती है. भैरव बाबा अपने भक्तों को समय, धन और मानसिक शांति का वरदान देते हैं. जो लोग जीवन में रुकावटें झेल रहे हों या अचानक परेशानियां बढ़ गई हों, उनके लिए कालभैरव पूजा बेहद लाभकारी मानी जाती है.

Generated image

कालभैरव जयंती पर खास उपाय
-इस दिन रात 12 बजे भगवान भैरव के नाम का दीपक जलाएं.
-काले कुत्ते को रोटी खिलाएं, ये भैरव बाबा का प्रिय कार्य माना गया है.
-“ऊं भैरवाय नमः” का कम से कम 108 बार जाप करें.
-मंदिर में सरसों के तेल का दान करें और किसी जरूरतमंद की मदद करें.

इन उपायों से व्यक्ति की किस्मत चमक सकती है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/astro/astro-tips-kaal-bhairav-jayanti-2025-puja-vidhi-mantra-muhurat-and-aarti-ws-ekl-9842303.html

Hot this week

Topics

Kaal Bhairav Puja 2025। काल भैरव पूजा के फायदे

Kaal Bhairav Jayanti 2025: हिंदू धर्म में भगवान...

Kishangarh Dumping Yard Best Pre Wedding Shoot Location in Rajasthan

Last Updated:November 12, 2025, 11:57 ISTKishangarh Dumping Yard:...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img