भाद्रपद शुक्ल अष्टमी तिथि से शुरू हुआ 15 दिनों का
महालक्ष्मी व्रत अब समापन की ओर है. पंचांग के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत का समापन आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होता है. इस दिन विधि विधान से माता महालक्ष्मी की पूजा करते हैं,
महालक्ष्मी व्रत कथा सुनते हैं. समापन वाले दिन मिट्टी का हाथी बनाते हैं, उस पर माता महालक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करते हैं. 16 कच्चे सूत वाले डोरे में 16 गांठें लगाकर पूजा होती है. पूजा के समय लक्ष्मी मंत्र का जाप करते हैं. इससे खुश होकर माता लक्ष्मी व्रती के घर में वास करती हैं. उसका घर धन और वैभव से भर जाता है. आइए जानते हैं कि महालक्ष्मी व्रत का समापन कब है? महालक्ष्मी व्रत का मुहूर्त क्या है?
अंतिम महालक्ष्मी व्रत
दृक पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि का शुभारंभ 14 सितंबर रविवार को सुबह 5:04 एएम पर हो रहा है और यह तिथि 15 सितंबर सोमवार को तड़के 3:06 एएम तक मान्य रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर अंतिम महालक्ष्मी व्रत 14 सितंबर रविवार को है.
3 शुभ संयोग में महालक्ष्मी व्रत का समापन
14 सितंबर को महालक्ष्मी व्रत का समापन 3 शुभ संयोग में हो रहा है. महालक्ष्मी व्रत के अंतिम दिन सिद्धि योग, रवि योग और रोहिणी नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन सिद्धि योग सुबह 07:35 ए एम से लेकर 15 सितंबर को प्रात: 04:55 ए एम तक है.
महालक्ष्मी व्रत के समापन पर रवि योग सुबह 06:05 ए एम से बन रहा है, जो सुबह 08:41 ए एम तक रहेगा. वहीं रोहिणी नक्षत्र प्रात:काल से लेकर सुबह 08:41 ए एम तक है.
अंतिम महालक्ष्मी व्रत का शुभ मुहूर्त
महालक्ष्मी व्रत के अंतिम दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:33 ए एम से 05:19 ए एम तक है, वहीं अभिजीत मुहूर्त 11:52 ए एम से दोपहर 12:41 पी एम तक है. निशिता मुहूर्त रात 11:53 पी एम से मध्य रात 12:40 ए एम तक है. सायाह्न सन्ध्या का मुहूर्त 06:27 पी एम से 07:37 पी एम तक है.
माता लक्ष्मी की पूजा के लिए प्रदोष काल यानि सूर्यास्त के बाद का समय बहुत अच्छा माना गया है. व्रत के अंतिम दिन 06:27 पी एम पर सूर्यास्त होगा. ऐसे में आप अंतिम महालक्ष्मी व्रत की पूजा 06:27 पी एम के बाद से कर सकते हैं. सिद्धियों की प्राप्ति के लिए निशिता मुहूर्त को श्रेष्ठ माना जाता है.
महालक्ष्मी व्रत के दिन आप माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप कर सकते हैं. धन प्राप्ति के उपाय कर सकते हैं. महालक्ष्मी व्रत के समापन रात्रि में कौड़ी, श्री यंत्र, कुबेर यंत्र आदि का उपाय करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि जो लोग 15 दिनों का महालक्ष्मी व्रत करते हैं, उन पर सहज ही माता लक्ष्मी की कृपा होती है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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