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Krishna Janmashtami: भगवान कृष्ण ने सिर पर क्यों धारण किया मोरपंख? कोई दोष या राधा से प्रेम का प्रतीक, यहां समझें


Shri Krishna Mor Pankh: भगवान कृष्ण के हजारों नाम में एक नाम मोर मुकुटधारी भी है. इस नाम का सीधा मतलब है कि श्रीकृष्ण अपने सिर पर मोरपंख धारण करते थे. ये उनको अन्य चीजों की तरह ही बेहद प्रिय था. लेकिन, क्या कभी सोचा है कि आखिर भगवान कृष्ण सिर पर पंख धारण क्यों करते थे? क्या है भगवान कृष्ण का मोरपंख से संबंध? वैसे तो श्रीकृष्ण द्वारा धारण किए गए मोरपंख को उनका शृंगार माना गया है. लेकिन, विद्वान इसके कारण कुछ और ही बताते हैं. इसको लेकर कुछ पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं. आइए जानते हैं इस बारे में-

दोष दूर करने के लिए धारण किया मोरपंख

पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. ऐसे में भगवान की कुंडली में कालसर्प दोष था. इस दोष से छुटकारा पाने के लिए ही भगवान ने मोरपंख धारण किया था. दरअसल, मोर और सांप एक दूसरे के दुश्मन माने जाते हैं. ऐसे में कहा जाता है कि मोर पंख धारण करने से कालसर्प दोष दूर हो जाता है.

राधा-कृष्ण प्रेम का प्रतीक है मोरपंख

राधा को श्रीकृष्ण की प्रेमिका के रूप में जाना जाता है. पौराणिक मान्यता के मुताबिक, एक बार भगवान कृष्ण बांसुरी बजा रहे थे और राधा उसपर नृत्य कर रही थीं. उनकी बांसुरी की मधुर स्वर धुन सुन मोर भी नाचने लगे थे. उसी समय एक मोर का पंख नीचे गिर गया, जिसे श्री कृष्ण ने उठाकर अपने माथे पर सजा लिया. इसके बाद श्रीकृष्ण ने इस मोरपंख को राधा के प्रेम का प्रतीक माना. कहा जाता है कि तभी से वह अपने सिर पर मोरपंख सजाते हैं.

रंगों के संयोजन का प्रतीक है मोरपंख

ज्योतिर्विद राकेश चतुर्वेदी के मुताबिक, मोरपंख रंगों के संयोजन का प्रतीक भी माना जाता है. जिस तरह मोरपंख में कई रंग होते हुए भी एक लगते हैं, उसी तरह लोग प्रेम जीवन में भी रहना चाहते हैं. भगवान कृष्ण ने भी राधा से मोरपंख के रंगों के संयोजन की तरह ही प्रेम किया था. इसलिए लोग इसे राधा-कृष्ण के प्रेम से जोड़कर देखते हैं.

मोरपंख धारण करने के पीछे ये संदेश

भगवान श्री कृष्ण द्वारा मोर पंख धारण करने के पीछे एक खास संदेश भी छिपा हुआ है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्री कृष्ण के बड़े भाई यानी बलराम जी शेषनाग के अवतार थे. वहीं, मोर और नाग एक दूसरे के दुश्मन होते हैं, लेकिन कृष्ण जी के माथे पर लगा मोरपंख यह संदेश देता है कि वह शत्रु को भी विशेष स्थान दिया जाना चाहिए.


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https://hindi.news18.com/news/dharm/krishna-janmashtami-2024-why-did-shri-krishna-wear-peacock-feather-kanha-mor-pankh-kyu-pahnte-hain-in-hindi-8630092.html

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