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Mahabharat Katha: दुर्योधन की इकलौती बहन थीं दुशाला, 100 भाई के बावजूद क्यों दुखों से भरी थी उनकी जिंदगी


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Mahabharat Katha: महाभारत में दुशाला, महाराज धृतराष्ट्र और गांधारी की एकमात्र पुत्री थीं, जिनके 100 भाई थे. उनका विवाह सिंधु नरेश जयद्रथ से हुआ, जो एक विशेष वरदान के कारण अजेय था. महाभारत युद्ध में जयद्रथ कौरवो…और पढ़ें

दुर्योधन की इकलौती बहन थीं दुशाला, 100 भाई के बावजूद दुखों से भरी थी जिंदगी

महाभारत कथा

हाइलाइट्स

  • दुशाला धृतराष्ट्र और गांधारी की इकलौती पुत्री थीं.
  • दुशाला का विवाह सिंधु नरेश जयद्रथ से हुआ था.
  • महाभारत युद्ध में जयद्रथ की मृत्यु के बाद दुशाला विधवा हो गईं.

Mahabharat Katha: महाभारत भारतीय इतिहास का एक ऐसा महाकाव्य है जिसकी कहानियां आज भी हमें प्रेरणा देती हैं. इस महाकाव्य में कई ऐसे पात्र हैं जिनके बारे में हमने कम सुना है. उन्हीं में से एक हैं दुशाला. दुशाला हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र और महारानी गांधारी की एकमात्र पुत्री थीं. उनके 100 भाई थे, जिनमें दुर्योधन सबसे बड़े थे. दुशाला का विवाह सिंधु नरेश जयद्रथ से हुआ, जो एक विशेष वरदान के कारण अजेय था. महाभारत युद्ध में जयद्रथ कौरवों के पक्ष में लड़ा.

दुशाला का जन्म
दुशाला का जन्म अद्भुत तरीके से हुआ था. जब वेद व्यास जी ने गांधारी को 100 पुत्रों की माता होने का वरदान दिया तो वह दो वर्ष तक गर्भवती रहीं. प्रसव के समय उनके गर्भ से एक लोहे का गोला निकला. वेद व्यास जी ने उस गोले के 100 टुकड़े कराकर कुछ जड़ी-बुटियों के साथ उनको 100 घड़ों में रख दिया. एक टुकड़ा बच गया जिससे दुशाला का जन्म हुआ.

जयद्रथ से हुआ था दुशाला का विवाह
दुशाला का विवाह सिंधु नरेश जयद्रथ से हुआ था. इस प्रकार जयद्रथ, दुर्योधन का बहनोई था. जयद्रथ एक वीर योद्धा था लेकिन उसमें एक अनोखा वरदान था. उसे यह वरदान मिला था कि उसका वध किसी साधारण मनुष्य के हाथों नहीं हो सकता है. उसे कोई वीर क्षत्रिय ही मार सकेगा जो भी उसका सिर काटकर जमीन पर गिराएगा उसी क्षण मारने वाले का सिर भी 100 टुकड़ों में फट जाएगा.

महाभारत के युद्ध में जयद्रथ ने कौरवों का साथ दिया. एक समय ऐसा आया जब अर्जुन ने जयद्रथ को अपने बेटे की मौत का दोषी माना और अगले दिन उसका वध करने का प्रण लिया. अर्जुन ने जयद्रथ का तीर से गला काट दिया और उसका सिर तपस्या में लीन पिता वृद्धक्षत्र की गोद में गिरा. सिर गोद में गिरते ही वृद्धक्षत्र के शरीर के 100 टुकड़े हो गए. इस तरह दुशाला विधवा हो गई.

दुशाला की कहानी महाभारत के उन अनसुने पहलुओं में से एक है जो हमें रिश्तों की जटिलता और भाग्य के खेल के बारे में सोचने पर मजबूर कर देती है.

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दुर्योधन की इकलौती बहन थीं दुशाला, 100 भाई के बावजूद दुखों से भरी थी जिंदगी


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https://hindi.news18.com/news/family-and-welfare/spirituality-mahabharat-dhritarashtra-daughter-dushala-untold-story-how-she-became-widow-9049295.html

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