Margashirsha Amavasya Kab Hai 2025 Date: मार्गशीर्ष अमावस्या को अगहन अमावस्या भी कहा जाता है. मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या होती है. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन स्नान और दान करते हैं. पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म आदि करते हैं. इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या 19 नवंबर को है या 20 नवंबर को? यह सवाल इसलिए है क्योंकि मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि दोनों दिन है. ऐसे में मार्गशीर्ष की दर्श अमावस्या भी इसके साथ लगी हुई है. आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष अमावस्या कब है? मार्गशीर्ष अमावस्या का स्नान और दान कब होगा? मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि कब करेंगे?
मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि मुहूर्त
दृक पंचांग के अनुसार, इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि 19 नवंबर दिन बुधवार को प्रात: 9 बजकर 43 मिनट पर प्रारंभ हो रही है. इस तिथि का समापन 20 नवंबर दिन गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर होगा.
मार्गशीर्ष अमावस्या की तारीख
उदयातिथि के आधार पर मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर गुरुवार को है. इस दिन सूर्योदय सुबह 06:48 ए एम पर होगा. उस समय मार्गशीर्ष की अमावस्या तिथि होगी, जबकि 19 नवंबर को सूर्योदय के बाद मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि प्रारंभ हो रही है.
मार्गशीर्ष दर्श अमावस्या
19 नवंबर को सूर्योदय के बाद मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि लग रही है. वहीं 20 नवंबर को दोपहर सवा 12 बजे खत्म हो रही है. ऐसे में मार्गशीर्ष की दर्श अमावस्या 19 नवंबर को है. इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या और मार्गशीर्ष की दर्श अमावस्या होगी.
मार्गशीर्ष अमावस्या स्नान-दान मुहूर्त
20 नवंबर को आप मार्गशीर्ष अमावस्या का स्नान और दान कर सकते हैं. स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त 05:01 ए एम से 05:54 ए एम तक है. ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना उत्तम होता है. आप इस समय स्नान नहीं कर सकते हैं तो सूर्योदय के बाद भी कर सकते हैं.
उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 10:58 ए एम से लेकर अगले दिन 21 नवंबर को सुबह 06:49 ए एम तक है. वहीं दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:45 ए एम से दोपहर 12:28 पी एम तक है. मार्गशीर्ष अमावस्या पर स्नान के बाद अपनी क्षमता के अनुसार अन्न, वस्त्र आदि का दान करें.
दर्श अमावस्या पर करें पितृ दोष उपाय
जिन लोगों को पितृ दोष से मुक्ति के लिए श्राद्ध, पिंडदान, पंचबलि कर्म करना है, वे लोग मार्गशीर्ष की दर्श अमावस्या को ये सब कर सकते हैं. दर्श अमावस्या पर पितृ दोष मुक्ति के उपाय का समय दिन में 11:30 बजे से लेकर दोपहर 02:30 बजे तक होता है.
दर्श अमावस्या के दिन पितरों के लिए स्नान, दान, तर्पण आदि करना चाहिए. इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है. पितर खुश होकर उन्नति और खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं.
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