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Margashirsha Month 2025 Start Date: मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा तिथि 5 नवंबर को शाम 06:48 बजे से शुरू है. मार्गशीर्ष माह में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं, यह महीना श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष माह के प्रारंभ और समापन की तारीख, मार्गशीर्ष में पूजा के नियम और महत्व.
Margashirsha Month 2025 Start Date: मार्गशीर्ष माह का शुभारंभ 6 नवंबर दिन गुरुवार से हो रहा है. मार्गशीर्ष माह को अगहन माह भी कहा जाता है. मार्गशीर्ष माह भगवान श्रीकृष्ण को बेहद प्रिय है. इस माह में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. मार्गशीर्ष माह का संबंध भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के सबसे बड़े उपदेशों से भी जुड़ा है, जो आज कलियुग में भी लोगों को राह दिखाता है. आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष माह का शुभारंभ कब से है? मार्गशीर्ष माह भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय क्यों है? मार्गशीर्ष माह में व्रत और पूजा के नियम क्या हैं?
मार्गशीर्ष माह का शुभारंभ
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 5 नवंबर दिन बुधवार को शाम 06 बजकर 48 मिनट से शुरू हो रही है. यह तिथि 6 नवंबर दिन गुरुवार को दोपहर 2 बजकर 54 मिनट तक मान्य रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर मार्गशीर्ष माह का शुभारंभ 6 नवंबर गुरुवार से है.
मार्गशीर्ष माह का समापन
हिंदी कैलेंडर के सभी माह का समापन पूर्णिमा को होता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा को मार्गशीर्ष माह का समापन होगा. पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 4 दिसंबर को 08:37 ए एम से शुरू होगी और 5 नवंबर को 04:43 ए एम तक रहेगी. ऐसे में मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर को है. 4 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह का समापन होगा.
भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय है मार्गशीर्ष माह
मार्गशीर्ष माह को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माना गया है. भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में स्वयं कहा है कि सभी मासों में वह मार्गशीर्ष हैं. इस माह में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस माह में पूजा पाठ करने से भगवान की कृपा आसानी से प्राप्त हो जाती है.
मार्गशीर्ष माह में गीता जयंती
भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के समय पूरे संसार को गीता का ज्ञान दिया था. उस समय मार्गशीर्ष माह था. मार्गशीर्ष माह में ही गीता जयंती मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती मनाते हैं.
मार्गशीर्ष माह में पूजा के नियम
- यदि आप यमुना नदी के किनारे रहते हैं तो मार्गशीर्ष माह आपके लिए अत्यंत ही शुभ फलदायी है. मार्गशीर्ष माह के समय यमुना में स्नान करने से सभी कष्ट और दुख मिटते हैं. भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है.
- मार्गशीर्ष माह के समय में जब भी मौका लगे तो आप गीता का पाठ करें. भगवत गीता का पाठ करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है.
- मार्गशीर्ष के दिनों में आप शंख में पानी भरकर भगवान श्रीकृष्ण को स्नान कराएं और उस जल को पूरे घर में छिड़क दे. इससे नकारात्मक शक्तियां पास नहीं आती हैं.
- मार्गशीर्ष माह में पूजा के समय आप भगवान श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते अर्पित करें. ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें. हरि कृपा से आपके कार्य सफल सिद्ध होंगे.
- नाम जप का भी बड़ा महत्व है. यदि आपको कोई मंत्र याद नहीं है तो आप पूरे मार्गशीर्ष माह में केवल भगवान श्रीकृष्ण के नाम का जाप करें. उनकी कृपा से आपका कल्याण होगा.
- मार्गशीर्ष माह की दोनों एकादशी का व्रत रखें. रात्रि जागरण, भजन और कीर्तन करें. इस महीने में फल, भोजन, अन्न, मोरपंख, शंख, चंदन, पीतांबर, तुलसी आदि का दान करें.
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें
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