Thursday, September 25, 2025
29 C
Surat

Masik Shivratri 2024: सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जा रही साल की अंतिम शिवरात्रि? जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त



हाइलाइट्स

इस वर्ष पौष मासिक शिवरात्रि 29 दिसंबर को मनाई जा रही है.ये दिन भगवान शिव की आराधना के लिए शुभ माना जाता है.

Masik Shivratri 2024 : भगवान शिव को कालों के काल महाकाल कहा जाता है. उनकी पूजा के लिए मासिक शिवरात्रि का दिन बेहद शुभ माना जाता है. फिलहाल पौष माह चल रहा है. पौष माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जा रही है. यह पर्व भगवान शिव की आराधना का समय है, जब भक्त पूरे दिन व्रत रहकर रात में भगवान शिव की पूजा करते हैं. 2024 में यह शिवरात्रि 29 दिसंबर, दिन रविवार को यानी कि आज मनाई जा रही है. भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए शुभ मुहूर्त में इस सरल विधि से पूजा कर सकते हैं आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

पौष मासिक शिवरात्रि 2024 की तिथि और समय
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष पौष मासिक शिवरात्रि 29 दिसंबर को शुरू होगी और 30 दिसंबर को समाप्त होगी. चतुर्दशी तिथि 29 दिसंबर, रविवार को तड़के 3:32 बजे शुरू होकर 30 दिसंबर, सोमवार को तड़के 4:01 बजे समाप्त होगी. इस दिन विशेष मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा की जाती है, और इसे बहुत शुभ माना जाता है.

पौष मासिक शिवरात्रि 2024 के मुहूर्त
इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त, जिसे निशिता मुहूर्त कहा जाता है, रात 11:56 बजे से लेकर 12:51 बजे तक रहेगा. इसके अलावा, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:24 बजे से 6:18 बजे तक रहेगा, जबकि अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:03 बजे से 12:44 बजे तक होगा. इन मुहूर्तों में पूजा करने से विशेष लाभ और पुण्य की प्राप्ति होती है.

सर्वार्थ सिद्धि योग का महत्व
पौष मासिक शिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो विशेष रूप से शुभ माना जाता है. यह योग रात 11:22 बजे से लेकर 30 दिसंबर की सुबह 7:13 बजे तक रहेगा. इसके अलावा, गंड योग प्रात:काल से लेकर रात 9:41 बजे तक रहेगा, जिसके बाद वृद्धि योग का आरंभ होगा. इन योगों का समय भी पूजा और अनुष्ठान के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि माना जाता है कि इन समयों में की गई पूजा और साधना का फल अधिक मिलता है.

पौष मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
पौष मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें. इसके बाद स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें. फिर भगवान शिव का विधिपूर्वक अभिषेक करें. इसके लिए कच्चा दूध, गंगाजल और जल का इस्तेमाल करें और बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि महादेव को अर्पित करें. पूजा के बाद शिव चालीसा और शिव मंत्रों का जाप करें. संध्याकाल में पुनः पूजा विधि के अनुसार शिव और माता पार्वती की आराधना करें और उपवास खोलने से पहले फलाहार का सेवन करें.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/paush-masik-shivratri-december-2024-date-sarvartha-siddhi-yoga-know-puja-vidhi-shubh-muhurat-and-significance-8925125.html

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img