Mercury In 1st House: जन्म कुंडली में हर ग्रह का अपना असर होता है, लेकिन बुध की बात करें तो ये ग्रह इंसान की सोच, बोलचाल, समझ और बुद्धिमानी को दर्शाता है, अगर किसी की कुंडली में बुध पहला भाव यानी लग्न भाव में हो, तो ये स्थिति बहुत खास मानी जाती है. पहला भाव व्यक्ति के स्वभाव, व्यक्तित्व, रूप-रंग और मानसिक स्थिति से जुड़ा होता है. ऐसे में बुध का इस भाव में होना व्यक्ति की सोच और व्यवहार पर गहरा असर डालता है. बुध अगर शुभ स्थिति में है तो ये इंसान को बेहद समझदार, हाज़िरजवाब, बातों से दूसरों को प्रभावित करने वाला और तार्किक सोच रखने वाला बनाता है. ऐसे लोग पढ़ाई-लिखाई, कम्युनिकेशन, मीडिया, बिज़नेस और क्रिएटिव कामों में आगे रहते हैं, लेकिन अगर बुध नीच का या अशुभ स्थिति में हो जाए, तो यही ग्रह भ्रम, झूठ, चालाकी और अस्थिरता भी दे सकता है. इसलिए कुंडली में बुध के प्रभाव को समझना बहुत ज़रूरी है. आगे जानते हैं कि बुध पहले भाव में हो तो क्या फल देता है, इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव क्या होते हैं और कौन से उपाय करने से इसका संतुलन बना रहता है.
बुध पहले भाव में होने के सकारात्मक प्रभाव
1. बुद्धिमानी और तेज़ दिमाग
जिन लोगों की कुंडली में बुध पहले भाव में होता है, वे बहुत तेज़ दिमाग और समझदार होते हैं. इनकी सोच साफ होती है और ये किसी भी विषय को जल्दी समझ लेते हैं.

2. बातचीत में निपुणता
ऐसे लोग बातों के जादूगर माने जाते हैं, ये अपनी बात को इस तरह रखते हैं कि सामने वाला तुरंत प्रभावित हो जाता है. इन्हें बातचीत, लिखने-पढ़ने और पब्लिक डीलिंग में महारत हासिल होती है.
3. व्यवसायिक सफलता
बुध व्यापार और संचार से जुड़ा ग्रह है. इसलिए जिनका बुध लग्न में हो, उन्हें बिज़नेस, मार्केटिंग, टीचिंग, मीडिया, या लेखन जैसे क्षेत्रों में सफलता मिलती है.
4. युवा दिखने वाला व्यक्तित्व
बुध का स्वभाव चंचल और यौवन से भरा होता है, इसलिए ऐसे लोग उम्र से कम दिखते हैं और हमेशा एनर्जी से भरे रहते हैं.
5. समझौते की क्षमता
ये लोग किसी विवाद में बीच का रास्ता निकालने में माहिर होते हैं. डिप्लोमेसी और समझदारी से हालात संभाल लेते हैं.

बुध पहले भाव में होने के नकारात्मक प्रभाव
1. अस्थिर सोच
अगर बुध कमजोर हो तो व्यक्ति की सोच बार-बार बदलती रहती है. एक काम शुरू करते हैं और जल्दी बोर होकर छोड़ देते हैं.
2. झूठ बोलने की आदत
अशुभ बुध इंसान को चतुराई के नाम पर चालाक बना देता है. कई बार ऐसे लोग सच को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं जिससे रिश्तों में दरार आ सकती है.
3. एकाग्रता की कमी
पढ़ाई या किसी काम में मन नहीं लगना, जल्दी विचलित होना, या ध्यान भटकना भी कमजोर बुध की निशानी है.
4. नर्वसनेस और चिंता
बुध कमजोर होने पर व्यक्ति बार-बार सोचता रहता है और छोटी बातों में भी तनाव लेता है.
5. बोलचाल में कटुता
अगर बुध पर राहु या शनि का असर हो तो व्यक्ति की भाषा में कड़वाहट आ जाती है, जिससे लोग दूर भागने लगते हैं.
बुध को मजबूत करने के उपाय
1. बुधवार का व्रत रखें – हर बुधवार को व्रत करने और हरे कपड़े पहनने से बुध ग्रह मजबूत होता है.
2. गणपति की पूजा करें – बुध बुद्धि के देवता गणेश से जुड़ा है, इसलिए रोज़ गणेश जी का ध्यान करें.
3. हरे मूंग का दान करें – गरीबों या जरूरतमंदों को हरे मूंग, पन्ना या हरे कपड़े दान करना शुभ माना जाता है.
4. पन्ना रत्न पहनें – अगर ज्योतिष सलाह दे, तो बुध को मजबूत करने के लिए पन्ना (एमराल्ड) पहन सकते हैं.
5. मीठा और नम्र व्यवहार अपनाएं – बोलचाल में मिठास और विनम्रता लाने से बुध की कृपा बढ़ती है.
6. हरियाली से जुड़ें – पेड़-पौधे लगाना और हरे रंग का प्रयोग जीवन में बढ़ाना भी बुध को प्रसन्न करता है.
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