Last Updated:
Keshavanatheshwara Mandir: वैसे तो देश-विदेश में कई मंदिर हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताएंगे, जिसका गर्भगृह एक गुफा के अंदर मौजूद है. इस मंदिर के दर्शन करने के लिए देश विदेश से लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं. यहां एक चमत्कारी जल बहता है और वह कभी सूखता नहीं है. आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में खास बातें…
दक्षिण भारत अपने प्रसिद्ध और संपन्न मंदिरों के लिए जाना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कर्नाटक के जंगलों में प्रकृति की गोद में एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर है जिसे देखने के बाद आपको अनुभव होगा कि मानो आज भी भगवान शिव यहां विराजमान हैं? कर्नाटक के मुदूर गांव में गुफा के अंदर भगवान शिव का अद्भुत मंदिर श्री केशवनाथेश्वर मंदिर है, जहां तक पहुंच पाना हर किसी के बस की बात नहीं है. इस चमत्कारी मंदिर के दर्शन करने देश-विदेश से लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन करने मात्र से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है. आइए जानते हैं श्री केशवनाथेश्वर मंदिर के बारे में…
दक्षिण भारत का सबसे पुराना शिव मंदिर
कर्नाटक से 50 किलोमीटर दूर कुंडापुरा के पास मुदूर गांव है, जो जंगलों के बीच बसा है. ऐसी ही प्रकृति के बीचों-बीच एक गुफा में, बहते झरने के पार भगवान शिव श्री केशवनाथेश्वर के रूप में विराजमान हैं. गांव के लोगों का मानना है कि यहां भगवान शिव स्वयं अवतरित हुए थे और यहां गुफाओं में आकर उन्होंने तपस्या की थी. मंदिर में हर वक्त एक पुजारी रहता है, जो भगवान शिव की पूजा-अर्चना करता है. इसे दक्षिण भारत के सबसे पुराने शिव मंदिरों में से एक माना जाता है.
गुफा के अंदर गर्भगृह
यह मंदिर पहले इतना प्रसिद्ध नहीं था, लेकिन जब साउथ सुपरस्टार जूनियर एनटीआर इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आए, तब से मंदिर की प्रसिद्धि बढ़ गई है. हालांकि, मंदिर तक पहुंचने का रास्ता बहुत मुश्किल है. मंदिर तक पहुंचने के लिए कोई सीधी सड़क नहीं है. जंगलों को पार करके ही भगवान शिव के अद्भुत दर्शन किए जा सकते हैं. गुफा के बाहर किसी तरह का कोई मंदिर नहीं है, लेकिन गुफा के अंदर गर्भगृह बना है. मंदिर के गर्भगृह में साल के ज्यादातर महीने में पानी भरा रहता है. भक्तों का मानना है कि पानी का जलस्तर साल भर एक जैसा स्थिर रहता है, लेकिन मानसून में थोड़ा बढ़ जाता है. वहीं गर्मियों में पानी सूखता भी नहीं है. इसलिए भक्त जल को चमत्कारी जल मानते हैं, जो साल भर हर मौसम में स्थिर रहता है.
जाना-माना पर्यटक स्थल
भक्त भगवान शिव के दर्शन करने के लिए घुटनों के बल चलकर गुफा के अंदर तक आते हैं. गुफा के पास ही झरने की सहायता से बना छोटा सा कुंड है, जिसमें रंग-बिरंगी मछलियां हैं. दर्शन करने आए श्रद्धालु दर्शन के बाद मछलियों को दाना भी खिलाते हैं. मंदिर के बाहर का प्रकृति का नजारा बेहद अद्भुत है, जो किसी का भी दिल मोह लेगा. मंदिर से 10 किलोमीटर की दूरी पर बेलकल तीर्थ झरने भी हैं. यह एक जाना-माना पर्यटक स्थल है.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/dharm/mysterious-sri-keshavanatheshwara-temple-of-lord-shiva-inside-the-cave-know-importance-of-keshavanatheshwara-mandir-ws-kl-9875381.html







