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Navratri Special 2025 3 famous shaktipeeth ambaji chandrabhaga bhramari devi story and importance | इन जगहों पर गिरे माता सती के हृदय समेत 3 अंग, जो आज हैं गुजरात-महाराष्ट्र के प्रसिद्ध शक्तिपीठ


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Navratri Special 2025 Famous Shaktipeeth: आज शारदीय नवरात्रि का 5वां दिन है. आज हम आपको बता रहे हैं गुजरात-महाराष्ट्र के उन 3 प्रसिद्ध शक्तिपीठ के बारे में, जहां पर माता सती के हृदय समेत 3 अंग गिर थे.

इन जगहों पर गिरे माता सती के हृदय समेत 3 अंग, जो आज हैं प्रसिद्ध शक्तिपीठगुजरात और राजस्थान की सीमा पर स्थित अंबाजी शक्तिपीठ भी अत्यंत प्रसिद्ध है.
Navratri Special 2025 Famous Shaktipeeth:  आज शारदीय नवरात्रि का 5वां दिन है. नवरात्रि 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक है. नवरा​त्रि में शक्तिपीठ के दर्शन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शारदीय नवरात्रि का पर्व भारत में शक्ति की उपासना और मां दुर्गा की आराधना का सबसे बड़ा अवसर है. इस दौरान पूरे देश में भक्त देवी मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं. गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कई प्राचीन शक्तिपीठ और मंदिर हैं, जो नवरात्रि में विशेष आकर्षण का केंद्र बनते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं गुजरात-महाराष्ट्र के उन 3 प्रसिद्ध शक्तिपीठ के बारे में, जहां पर माता सती के हृदय समेत 3 अंग गिर थे.

गुजरात-महाराष्ट्र के प्रसिद्ध शक्तिपीठ

1. अंबाजी शक्तिपीठ: गुजरात और राजस्थान की सीमा पर स्थित अंबाजी शक्तिपीठ भी अत्यंत प्रसिद्ध है. यह माउंट आबू से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां मां भवानी की कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि एक श्रीयंत्र स्थापित है. श्रद्धालु मानते हैं कि विशेष रूप से सजाए गए इस श्रीयंत्र में मां का विग्रह दिखाई देता है, लेकिन यह सामान्य आंखों से दिखाई नहीं देता और इसका फोटो भी नहीं लिया जा सकता. मान्यता है कि यहां मां सती का हृदय गिरा था. अंबाजी मंदिर नवरात्रि में भक्ति और आस्था का एक विशाल केंद्र बन जाता है.

2. चंद्रभागा शक्तिपीठ: गुजरात के जूनागढ़ जिले में कपिला, हिरण्या और सरस्वती नदी के त्रिवेणी संगम के पास स्थित चंद्रभागा शक्तिपीठ माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है. यह प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर के पास है. मान्यता है कि यहीं पर माता सती का आमाशय गिरा था. यहां देवी की पूजा चंद्रभागा नाम से की जाती है.

3. भ्रामरी देवी शक्तिपीठ: महाराष्ट्र के नासिक में गोदावरी घाटी में स्थित भ्रामरी देवी शक्तिपीठ भी मां सती के 51 पीठों में से एक है. कहा जाता है कि यहां मां सती की ठोड़ी गिरी थी. इस स्थान को भद्रकाली शक्तिपीठ भी कहा जाता है. नासिक रोड स्टेशन से लगभग 8 किलोमीटर दूर पंचवटी क्षेत्र में स्थित इस शक्तिपीठ में माता भ्रामरी के रूप में पूजी जाती हैं, जबकि भैरव को विकृताक्ष नाम से जाना जाता है. नवरात्रि के समय यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और मां के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठता है.

चंद्रभागा, अंबाजी और भ्रामरी देवी जैसे शक्तिपीठ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत भी हैं. नवरात्रि के पावन अवसर पर इन मंदिरों में दर्शन करना जीवन में सकारात्मकता और शक्ति का संचार करता है. यही कारण है कि हर वर्ष लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचकर मां शक्ति के चरणों में अपनी भक्ति अर्पित करते हैं.

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कार्तिकेय तिवारी

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें

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इन जगहों पर गिरे माता सती के हृदय समेत 3 अंग, जो आज हैं प्रसिद्ध शक्तिपीठ


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