सोशल मीडिया पर फोटो डालने से पितृ होंगे नाराज
महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन के ज्योतिषाचार्य डॉ मृत्युञ्जय तिवारी का कहना है कि शास्त्रों में श्राद्ध कर्म का प्रदर्शन वर्जित है. वे बताते हैं कि मनु स्मृति, गरुड़ पुराण और धर्मसिंधु में साफ तौर पर बताया गया है कि पितरों के श्राद्ध को पूर्ण रूप से गोपनीय रखना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, पितरों के श्राद्ध का मूल भाव ही निस्वार्थ कर्म है, उसका प्रदर्शन नहीं.
श्राद्ध का सार्वजनिक प्रदर्शन शास्त्रसम्मत नहीं
गृह्यसूत्र और धर्मसिंधु ग्रंथों में भी श्राद्ध कर्म को “रहस्यपूर्ण” बताया गया है. श्राद्ध कर्म में शोर-शराबा, लोक प्रदर्शन यानि बाहरी दिखावा पूर्णतया प्रतिबंधित है.
नष्ट होती है भावनाओं की पवित्रता
शास्त्रों के अनुसार, पितरों की इच्छा होती है कि श्राद्ध कार्य एकांत में नि:स्वार्थ भाव से किया जाए. श्राद्ध कर्म के प्रचार से आपके पितर नाराज हो सकते हैं. जिससे आपके पुण्य का नाश होता है. श्राद्ध को सार्वजनिक करने से उस कर्म की गोपनीयता भंग होती है, उसका पुण्य खत्म होता है.
श्राद्ध में क्या करें
पितृ पक्ष में पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं तो उस दौरान पूर्ण एकाग्रता और श्रद्धा रखनी चाहिए. पितरों के श्राद्ध कर्म या तर्पण का फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें. पितृ तर्पण नि:स्वार्थ और गोपनीयता के साथ करें.
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https://hindi.news18.com/news/dharm/pitru-paksha-2025-rules-put-photos-of-ancestors-shradh-pind-daan-on-social-media-mistake-to-avoid-ws-ekl-9612592.html