Rahu Ketu Dosh: शादी को जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है. हर व्यक्ति चाहता है कि विवाह सुखमय और तनाव-मुक्त हो, लेकिन कभी-कभी कुछ ऐसी समस्याएं सामने आती हैं जो रिश्तों में दूरी और असमंजस पैदा कर देती हैं. ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह कहा गया है और इसे कई लोग विवाह में बाधा का कारण मानते हैं. अक्सर परिवार और समाज में यह चर्चा होती है कि यदि जन्म कुंडली में राहु-केतु दोष है, तो शादी में देरी, रिश्तों में तनाव या पार्टनर से अलगाव जैसी समस्याएं आती हैं, लेकिन क्या सचमुच राहु-केतु अकेले ही विवाह को प्रभावित करते हैं? भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार, राहु-केतु का प्रभाव तब ज्यादा दिखाई देता है जब कुंडली में अन्य शुभ ग्रह कमजोर हों. वहीं, यदि विवाह के मुख्य ग्रह जैसे शुक्र और बृहस्पति मजबूत हैं, तो राहु-केतु का नकारात्मक प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि राहु-केतु दोष क्या है, यह कैसे काम करता है, किन परिस्थितियों में शादी को प्रभावित कर सकता है और इससे बचाव के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं.
राहु-केतु दोष: विवाह को सचमुच प्रभावित करते हैं?
राहु और केतु अकेले ही विवाह में बाधा नहीं बनाते. यह मान लेना कि जन्म कुंडली में इन ग्रहों की उपस्थिति से शादी में समस्या निश्चित है, सही नहीं है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार विवाह योग कई ग्रहों के संयुक्त प्रभाव से बनता है. इसमें सप्तम भाव, उसके स्वामी, शुक्र और बृहस्पति मुख्य भूमिका निभाते हैं. यदि ये ग्रह मजबूत हैं, तो राहु-केतु का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है.
फिर भी, यदि सप्तम भाव में राहु-केतु स्थित हैं, तो यह प्रेम विवाह में देरी, रिश्तों में असमंजस, पार्टनर से दूरी या बार-बार विवाह प्रस्ताव टूटने जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
राहु-केतु कब और कैसे प्रभावित करते हैं?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु-केतु तब प्रभाव डालते हैं जब अन्य शुभ ग्रह कमजोर हों.
-राहु सप्तम भाव में होने पर भ्रम, गलतफहमी और अविश्वास बढ़ा सकता है.
-केतु दूरी और भावनात्मक अलगाव ला सकता है.
लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर राहु-केतु दोष वाले व्यक्ति की शादी प्रभावित हो. कुंडली का समग्र अध्ययन, ग्रह दशा और वर्तमान ग्रह गोचर के आधार पर ही सही निष्कर्ष निकाला जा सकता है.
राहु-केतु दोष से मुक्ति पाने के उपाय
ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के कई उपाय बताए गए हैं. ये सरल उपाय रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाए जा सकते हैं:
1. नियमित ध्यान और मंत्र जाप करना.
2. गुरुवार का व्रत रखना और बुजुर्गों का सम्मान करना.
3. शनिवार को उड़द दाल, सरसों का तेल, काले तिल, काले वस्त्र या कंबल दान करना.

4. कुत्तों को रोटी खिलाना.
5. भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करना.
6. रत्न धारण करना (विशेष ज्योतिषीय सलाह के अनुसार).
इन उपायों से राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है और दांपत्य जीवन में संतुलन बनाया जा सकता है.
राहु-केतु दोष का सच
राहु-केतु दोष को केवल शादी में बाधा मानना पूरी तरह सही नहीं है. यह आधा-सच है. यदि कुंडली में विवाह के मुख्य ग्रह मजबूत हैं, तो राहु-केतु का असर कम होता है. सही ज्योतिषीय सलाह, मंत्र जाप, दान और अन्य उपाय अपनाकर राहु-केतु के प्रभाव को संतुलित किया जा सकता है.

इसलिए, राहु-केतु को डर का कारण नहीं मानना चाहिए. शादी में समस्या आने की कई वजहें हो सकती हैं, और केवल राहु-केतु दोष पर भरोसा करना सही नहीं है. संतुलित दृष्टिकोण और सही उपाय अपनाकर रिश्तों को खुशहाल और मजबूत बनाया जा सकता है.
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