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Ram Mandir Dhwajarohan on vivah Panchami | bhagwa jhanda designed for ram janmabhoomi mandir | राम मंदिर के लिए बनाए गए दिव्य ध्वज के बारे में खास बातें


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Ram Mandir Dhwajarohan: विवाह पंचमी के मौके पर पीएम मोदी द्वारा अयोध्या के रामलला मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराया जाएगा. ध्वज को बनाने में चार से पांच कारीगर हर दिन काम कर रहे हैं और उसकी पवित्रता का खास ध्यान रखना चाहिए. साथ ही इस ध्वज में त्रेतायुग के तीन मुख्य प्रतीक भी लगे हुए हैं. आइए जानते राम मंदिर के शिखर पर लगने वाला ध्वज कैसा है…

Ram Mandir Flag Ceremony: मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाएगा, इस बार यह शुभ तिथि 25 नवंबर दिन मंगलवार को है. इस दिन भगवान राम और माता जानकी का विवाह हुआ था. विवाह पंचमी के उपलक्ष्य में अयोध्या के रामलला मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ध्वज फहराया जाएगा. यह ध्वज ना केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है बल्कि भारतीय अध्यात्म, इतिहास और पर्यावरणीय संदेशों की गहराई भी समेटे हुए है. इस ध्वज में त्रेतायुग के तीन मुख्य प्रतीक भी लगे हुए हैं. यह ध्वज अहमदाबाद की एक कंपनी में तैयार किया जा रहा है. ध्वज को विशेष पैराशूट फैब्रिक और रेशमी धागों से बनाया गया है. आइए जानते हैं राम मंदिर के शिखर पर लगाए जाने वाले ध्वज के बारे में…

ध्वज तेज हवा की गति में रहेगा सुरक्षित – राम मंदिर के शिखर पर लगने वाला ध्वज विशेष पैराशूट फैब्रिक और रेशमी धागों से बनाया गया है, ताकि ध्‍वज सूर्य, वर्षा और तेज हवा के प्रभाव को सह सके. ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट रखी गई है. इसे मंदिर के शिखर पर लगे 42 फीट ऊंचे ध्वजदंड पर फहराया जाएगा. ध्वजदंड को 360 डिग्री घूमने वाले चैंबर पर स्थापित किया जाएगा, जिसमें बॉल बेयरिंग्स का उपयोग किया गया है. इससे ध्वज तेज हवा की गति में भी सुरक्षित रहेगा.

झंडे को तैयार करने में 5 कारीगरों ने काम किया – ध्वज को इस प्रकार निर्मित किया गया है कि नमी और तापमान के प्रभाव को कम किया जा सके. यह ध्वज मौसम की हर चुनौती को सहने में सक्षम है. इस विशेष ध्वज का निर्माण राम मंदिर के ऐतिहासिक अवसर को और भी भव्य बनाने के उद्देश्य से किया गया है. ध्‍वज कपड़े से बना है और तीन लेयर वाले सिल्क साटन का इस्तेमाल करके झंडे बनाया गया है. इस झंडे को तैयार करने में चार से पांच कारीगरों ने काम किया, जो 11 फीट चौड़ा और 22 फीट लंबा है. ध्वज के लिए सिल्क सैटिन फैब्रिक का इस्तेमाल किया है, जिसमें अंदर की लाइनिंग है. इसमें बारीक कढ़ाई की गई है, जिससे इसे बेहतर लुक और टेक्सचर मिलता है.

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त्रेतायुग के 3 मुख्य प्रतीक – यह ध्वज रामायण काल के त्रेता युग में प्रयुक्त ध्वजों की अनुकृति से प्रेरित है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के ध्वज का रंग केसरिया होगा, जो धर्म, त्याग और साहस का प्रतीक है. ध्वज में तीन मुख्य प्रतीकों ॐ, सूर्य और कोविदार वृक्ष को अंकित किया गया है, जो इसकी सबसे बड़ी विशेषता मानी जा रही है. सूर्य भगवान राम के सूर्यवंशी वंश होने का प्रतीक है, जो शौर्य, तेज और पराक्रम की ऊर्जा दर्शाता है. वहीं ॐ सनातन संस्कृति के अध्यात्म, अनंतत्व और निरंतर गतिशीलता का प्रतीक है. वहीं त्रेता युग के कोविदार वृक्ष का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में, विशेष रूप से अयोध्या कांड में कई बार मिलता है.

अयोध्या में ध्वजारोहण समारोह – श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह को सफल व भव्य बनाने के लिए तैयारियां पूरे चरम पर हैं. अतिथियों के सत्कार से लेकर धार्मिक अनुष्ठानों तक, प्रत्येक व्यवस्था को अत्यंत सूक्ष्मता से संचालित किया जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से आमंत्रित आगंतुकों के लिए सात स्थानों पर आठ भोजनालय स्थापित किए गए हैं, जहां लाखों पानी की बोतलों सहित संपूर्ण सेवाओं की व्यवस्था की गई है. इन भोजनालयों में जलपान के उपरांत अतिथियों को गोल्फ कोर्स होते हुए कार्यक्रम स्थल भेजा जाएगा.

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राम मंदिर के लिए बनाए गए दिव्य ध्वज के बारे में खास बातें, जानें खासियत


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