ऋषि पंचमी पर शुभ योग
दृक पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर के 1 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर 3 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. साथ ही इस दिन 4 शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है. गुरुवार के दिन रवि योग, लक्ष्मी नारायण योग, शुक्ल योग और ब्रह्म योग भी बन रहा है.
ऋषि पंचमी का महत्व
ऋषि पंचमी का व्रत करने से सभी प्रकार के स्त्री-पुरुष जन्य दोष, अनजाने पाप, मासिक अशुद्धि से हुए अपराध शुद्ध हो जाते हैं. साथ ही व्रती को सत्पुत्र, सौभाग्य, दीर्घायु और पितृ-मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह दिन वास्तव में ऋषियों की स्मृति और उनकी ऋषि-ऋण निवृत्ति का दिन है. शास्त्र में कहा गया है कि ऋषि पंचमी व्रत करने से अनजाने पाप भी नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
प्रातः स्नान करके पवित्र होकर व्रत का संकल्प लें. सप्त ऋषियों की पूजा करें – कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ. देवी अरुंधती की भी पूजा करनी चाहिए. उपवास रखकर दिनभर जप-पूजन करें. शाम को कथा सुनकर अन्न-व्रत का पारायण किया जाता है.
भगवान विष्णु ने काशी में की थी शिवलिंग की स्थापना
अग्नि पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने काशी में शिवलिंग की स्थापना की थी, जिससे गुरुवार को भगवान बृहस्पति की पूजा का महत्व बढ़ जाता है. स्कंद पुराण में कहा गया है कि गुरुवार का व्रत धन, समृद्धि, संतान और सुख-शांति प्रदान करता है. इस दिन पीले वस्त्र पहनना और पीले फल व फूलों का दान करना शुभ फलदायी होता है.
गुरुवार व्रत विधि
गुरुवार का व्रत शुरू करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें. पूजा स्थल को साफ कर गंगाजल से शुद्ध करें. एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें. भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें. केले के वृक्ष की जड़ में चने की दाल, गुड़ और मुनक्का चढ़ाएं. दीपक जलाकर भगवान बृहस्पति की कथा सुनें और आरती करें. आरती के बाद आचमन करें. इस दिन पीले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें. मान्यता है कि केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास होता है, इसलिए इसकी पूजा विशेष फल देती है. भगवान विष्णु को हल्दी चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. गरीबों को अन्न और धन का दान करने से पुण्य मिलता है. यह व्रत शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से शुरू कर 16 गुरुवार तक रखा जा सकता है, फिर उद्यापन करें.
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https://hindi.news18.com/news/dharm/rishi-panchami-2025-shubh-yog-and-guruvar-vrat-know-rishi-panchami-puja-vidhi-and-importance-of-rishi-panchami-ws-l-9556081.html