सकट चौथ माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. सकट चौथ को तिलकुट चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं. इस दिन महिलाएं व्रत रखकर विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा करती हैं. पद्म पुराण के अनुसार, जो लोग सकट चौथ का निर्जला व्रत रखते हैं और गणपति की पूजा विधि विधान से करते हैं, उनके सभी संकटों का नाश होता है. जीवन में खुशहाली, सुख और समृद्धि आती है. इस दिन गणेश जी को तिलकुट यानी गुड़ और तिल का बना विशेभ भोग चढ़ाया जाता है, इस वजह से ही इसे तिलकुट चतुर्थी या तिलकुट चौथ भी कहते हैं. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि नए साल में सकट चौथ कब है? सकट चौथ पर कौन से शुभ योग बन रहे हैं? सकट चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय समय क्या है?
सकट चौथ 2025 तारीख
वैदिक पंचांग के अनुसार, नए साल में माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 17 जनवरी शुक्रवार को प्रात: 4 बजकर 6 मिनट से प्रारंभ होगी. इस तिथि का समापन अगले दिन 18 जनवरी शनिवार को प्रात: 5 बजकर 30 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर सकट चौथ यानी तिलकुट चतुर्थी का व्रत 17 जनवरी शुक्रवार को रखा जाएगा.
2 शुभ योग में है सकट चौथ 2025
इस बार सकट चौथ के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. पहला सौभाग्य योग प्रात:काल से शुरू होकर देर रात 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. उसके बाद शोभन योग का प्रारंभ होगा, जो चतुर्थी तिथि में होगा. ये दोनों ही योग किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए अच्छे माने जाते हैं.
सकट चौथ के दिन मघा और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र होंगे. मघा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है, उसके बाद से पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र है.
सकट चौथ 2025 मुहूर्त
सकट चौथ के दिन का ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 05:27 बजे से प्रात: 06:21 बजे तक है. वहीं उस दिन का शुभ मुहूर्त यानी अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक है.
सकट चौथ की पूजा आप सुबह में 07:15 बजे से लेकर सुबह 11:12 बजे के मध्य कर सकते हैं. उस समय सौभाग्य योग भी बना होगा. दोपहर पर में शुभ-उत्तम मुहूर्त 12:31 बजे से 01:51 बजे तक है. लाभ-उन्नति मुहूर्त 08:34 ए एम से 09:53 ए एम तक और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 09:53 ए एम से 11:12 ए एम तक है.
सकट चौथ 2025 चांद निकलने का समय
सकट चौथ की रात चंद्रमा की पूजा करते हैं. चंद्रमा को अर्घ्य देना महत्वपूर्ण होता है, इसके बिना यह व्रत पूर्ण नहीं होता है. सकट चौथ की रात चांद 09:09 बजे निकलेगा.
सकट चौथ का महत्व
जैसा कि आपको सकट चौथ के नाम से ही पता चल जाता है कि वह चौथ, जो संकटों का नाश करने में सक्षम है, उसे ही सकट चौथ कहते हैं. मंगलमूर्ति गणेश जी शुभता के प्रतीक हैं. उसके आशीर्वाद से व्यक्ति के सभी संकट दूर होते हैं और जीवन में शुभता आती है.
FIRST PUBLISHED : December 27, 2024, 08:19 IST
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