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Sarvartha Siddhi Yog on Friday Astrological remedies for maa Lakshmi | शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग, इन उपायों से मां लक्ष्मी की होगी कृपा और बरसेगी धन-संपदा


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24 अक्टूबर को शुक्रवार है और इस दिन माता लक्ष्मी और भौतिक सुख सुविधा के स्वामी शुक्र ग्रह की पूजा अर्चना करनी चाहिए. शुक्रवार का व्रत करने से तेजस्विता, शौर्य, शुक्रवर्धक होता है और धन व ऐशवर्य के रास्ते खुलते हैं. आइए जानते हैं शुभ योग में शुक्रवार के दिन कौन से उपाय करने चाहिए…

शुक्रवार को शुभ योग का संयोग, इन उपायों से मां लक्ष्मी की होगी कृपा

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुक्रवार को है. इस सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है, जो धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है. शुक्रवार को माता लक्ष्मी के मंदिर में दर्शन करना चाहिए और कमल का फूल अर्पित करना चाहिए. साथ ही माता कालिका के मंदिर में काली चुनरी चढ़ाना चाहिए, ऐसा करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं. साथ ही शुक्रवार को भौतिक सुख सुविधा के स्वामी शुक्र ग्रह से संबंधित उपाय करने चाहिए, ऐसा करने से धन-संपदा में वृद्धि होती है और हर सुख की प्राप्ति होती है.

शुक्रवार का पंचांग
द्रिक पंचांग के अनुसार, तृतीया तिथि को सूर्य तुला में और चंद्रमा वृश्चिक में रहेंगे. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. शुक्रवार को कोई विशेष त्योहार या व्रत नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं.

शुक्रवार का महत्व
ब्रह्मवैवर्त पुराण, मत्स्य पुराण और अन्य प्राचीन ग्रंथों में शुक्रवार को माता लक्ष्मी, संतोषी माता और शुक्र ग्रह की आराधना का दिन बताया गया है. मान्यता है कि शुक्रवार का व्रत सुख, समृद्धि, धन-धान्य और वैवाहिक जीवन में शांति लाने के लिए किया जाता है. इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर सभी कष्ट दूर होते हैं और माता रानी भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं.

16 शुक्रवार करें व्रत
ज्योतिष शास्त्र में यह व्रत शुक्र ग्रह को मजबूत करने और उससे जुड़े दोषों को दूर करने के लिए भी रखा जाता है. इसे किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार से शुरू किया जा सकता है. आमतौर पर 16 शुक्रवार तक व्रत रखने के बाद उद्यापन किया जाता है.

5 Powerful Lakshmi Mantras

शुक्रवार माता लक्ष्मी पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें. लाल कपड़े पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. दीप जलाएं और फूल, चंदन, अक्षत, कुमकुम और मिठाई का भोग लगाएं. श्री सूक्त और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. मंत्र जप करें, ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ और ‘विष्णुप्रियाय नमः’ का जप भी लाभकारी है. पूजा के अंत में कमल पुष्प अर्पित करें, लक्ष्मी चालीसा पढ़ें. प्रसाद में खीर, मिश्री और बर्फी बांटें. इस दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र या धन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. सर्वार्थ सिद्धि योग में की गई पूजा आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ पारिवारिक सुख-शांति भी प्रदान करती है. ज्योतिषाचार्य इसे नए कार्य, निवेश और महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए अति उत्तम मानते हैं.

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Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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