Last Updated:
शनिवार को शनिदेव की पूजा अर्चना करने से शनिदेव का आशीर्वाद मिलता है और शनि की ढैय्या व साढ़ेसाती के अशुभ प्रभाव में कमी आती है. शनि मन को स्थिर और संयमी बनाता है और पूजा करने से क्रोध, तनाव और बेचैनी घटती है. शनि न्याय का ग्रह है, इसलिए न्याय संबंधित मामलों में शनिदेव की कृपा विशेष सहायक होती है. आइए जानते हैं शनिवार के दिन किए जाने वाले खास उपाय…

पौष माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को इस बार शनिवार का दिन और तारीख 13 दिसंबर है. शनिवार को शनिदेव की आराधना अत्यंत प्रभावी मानी गई है. शनि मानव जीवन में कर्म, संघर्ष, न्याय और स्थिरता का कारक हैं और इसकी शांति मनुष्य के जीवन की कठिनाइयों को हल्का करती है. शनि को कर्मफल दाता भी कहा गया है. इसलिए शनि की प्रसन्नता से जीवन की रुकावटें, धन-संबंधी अड़चनें और बाधाएं कम होती हैं. शनिवार के दिन आयुष्मान योग और सौभाग्य योग भी बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव की पूजा का लाभ बताने के साथ-साथ कुछ विशेष उपाय भी बताए गए हैं. इन उपायों के करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव में कमी आती है.

शनिवार पंचांग 2025 – द्रिक पंचांग के अनुसार, शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय सुबह 9 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. इस तिथि पर कोई विशेष पर्व नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से शनिवार का व्रत रख सकते हैं. शनिवार के दिन नवमी तिथि की शाम 4 बजकर 37 मिनट तक रहेगी. इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी. इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि में और चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे.

शनिदेव को लेकर गलत धारण – शनि कर्म और परिश्रम का स्वामी होने के कारण शनिवार की पूजा कार्यस्थिरता, प्रमोशन, व्यवसाय में वृद्धि और सम्मान प्रदान करती है. कई जातकों में शनिदेव को लेकर धारणा गलत है कि शनि हमेशा परेशान करते हैं लेकिन ऐसा नहीं है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि शनि देव व्यक्ति को संघर्ष देकर सोने की तरह चमकाते हैं. शनिदेव किसी को परेशान नहीं करते हैं, वह हमेशा कर्मों के हिसाब से ही फल देते हैं. अगर आपके कर्म अच्छे हैं तो आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी और अगर आपने कुछ गलत किया है तो शनिदेव आपको संभलने का मौका देते हैं.
Add Bharat.one as
Preferred Source on Google

सूर्य देव और छाया के पुत्र शनिदेव – शनिदेव सूर्य देव और छाया के पुत्र हैं. इसलिए उन्हें छाया पुत्र भी कहा जाता है. जब शनि की साढ़े साती, ढैय्या या महादशा चलती है तो व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों जैसे आर्थिक संकट, नौकरी में समस्या, मान-सम्मान में कमी और परिवार में कलह का सामना करना पड़ सकता है. शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करना और गरीब व जरूरत मंद लोगों की मदद करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.

7 शनिवार का व्रत करें – ऐसे में शनिवार का व्रत शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में आने वाली समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है. इस व्रत की शुरुआत किसी भी माह के पहले शुक्ल पक्ष के शनिवार से शुरू कर सकते हैं. मान्यताओं के अनुसार 7 शनिवार व्रत रखने से शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिलती है और ढैय्या व साढ़ेसाती के अशुभ प्रभाव में कमी आती है. शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शनि से संबंधित चीजें जैसे काली उड़द, काली वस्तु (काले जूते, काला कंबल, छाता, सरसों का तेल, काले तिल आदि) का दान करना चाहिए.

शनिवार के दिन अवश्य करें यह काम – धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि पीपल के पेड़ में शनिदेव का वास होता है. इसलिए हर शनिवार पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना और छाया दान करना बेहद शुभ माना जाता है और इससे नकारात्मकता भी दूर होती है और शनिदेव की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है. मान्यता है कि जो जातक व्रत नहीं रह सकते. वे हर शनिवार शाम को दीपक जरूर जलाएं. शनिवार के दिन ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जप करना अत्यंत फलदायी माना गया है.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/astro/astro-tips-shaniwar-chhaya-daan-upay-2025-astrological-remedies-for-saturday-tone-totke-to-please-shani-dev-for-new-year-2026-photogallery-ws-kl-9955810.html







