श्वेत वस्त्र धारण करने वाली मां ब्रह्मचारिणी संयम, जप, तप, साधना, पवित्रता और ब्रह्मचर्य का प्रतीक हैं. वे अपने हाथों में कमंडल, जप की माला धारण करती हैं. वे कठोर तप का भी प्रतीक हैं. आज ब्रह्म योग प्रात:काल से लेकर रात 08:23 पी एम तक है, वहीं हस्त नक्षत्र 01:40 पी एम तक है, उसके बाद से चित्रा नक्षत्र है. आज का लाभ-उन्नति मुहूर्त 10:42 ए एम से 12:13 पी एम तक है, वहीं अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 12:13 पी एम से 01:44 पी एम तक है. शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 22 सितंबर सोमवार से हुआ है, जो 1 अक्टूबर को महानवमी तक चलेगा.
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