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Sita Navami 2025: सीता नवमी माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है. इसे सीता जयंती भी कहते हैं. इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं.

सीता नवमी 2025 में कब है?
हाइलाइट्स
- सीता नवमी 2025 में 5 मई को मनाई जाएगी.
- पूजा का शुभ समय 5 मई को सुबह 10:58 से दोपहर 1:38 बजे तक है.
- सीता नवमी पर रवि योग और अभिजीत मुहूर्त बन रहे हैं.
Sita Navami 2025: सीता नवमी का हिंदू धर्म में बहुत विशेष महत्व है. सीता नवमी को माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इसे सीता जयंती भी कहा जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं. सीता जयंती, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है. मान्यता है कि माता सीता का जन्म मंगलवार को पुष्य नक्षत्र में हुआ था. यह त्योहार राम नवमी के एक महीने बाद आता है. ज्योतिषाचार्य अंशुल त्रिपाठी से जानते हैं पूजा के शुभ मुहूर्त के समय के बारे में.
ऐसे नाम पड़ा सीता
माता सीता को जानकी भी कहा जाता है, क्योंकि वे मिथिला के राजा जनक की दत्तक पुत्री थीं.
पौराणिक कथा के अनुसार, जब राजा जनक यज्ञ के लिए खेत जोत रहे थे, तो मिट्टी के अंदर एक सोने की संदूक मिली. उस संदूक में एक छोटी बच्ची थी. हल से जोती हुई भूमि को सीता कहा जाता है, इसलिए उस बच्ची का नाम सीता रखा गया.
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सीता नवमी 2025 पर विशेष योग
इस साल सीता नवमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन की आध्यात्मिक ऊर्जा और बढ़ जाएगी. रवि योग 5 मई को दोपहर 2:01 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 5:36 बजे तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 बजे से 12:45 बजे तक रहेगा. विजय मुहूर्त दोपहर 2:32 बजे से 3:25 बजे तक रहेगा.
पूजन का शुभ समय
सीता नवमी पूजा के लिए शुभ समय 5 मई 2025 को सुबह 10:58 बजे से दोपहर 1:38 बजे तक रहेगा. इसे मध्याह्न पूजन मुहूर्त कहते हैं, जो पूजा और व्रत के लिए सबसे उत्तम माना जाता है.
सीता नवमी कब है?
वैशाख शुक्ल नवमी तिथि
शुरुआत: 5 मई 2025 को सुबह 7:35 बजे
समाप्ति: 6 मई 2025 को सुबह 8:38 बजे
व्रत और पूजा: 5 मई 2025 को मनाई जाएगी.
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महत्त्व
मान्यता है कि सीता नवमी के दिन माता सीता की पूजा करने से वे प्रसन्न होती हैं और भक्तों को धन, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.
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https://hindi.news18.com/news/dharm/sita-navami-2025-know-puja-shubh-muhurat-and-special-yog-ws-kl-9191642.html