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Surya Grahan 2025 Mandir Kapat: आज सर्वपितृ अमावस्या पर साल 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने वाला है. हिंदू धर्म में सूर्य हो या चंद्रमा, किसी भी ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता और इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं, जिन पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है. आइए जानते हैं इन 7 मंदिरों के रहस्य और मान्याताओं के बारे में…

महाकालेश्वर मंदिर
मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर ग्रहण काल में भी भक्तों के लिए खुला रहता है. मान्यता है कि कालों के काल महाकाल स्वयं मृत्यु और काल के स्वामी हैं. ऐसे में उन पर ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता. हालांकि इस दौरान शिवलिंग को स्पर्श करना मना होता है और आरती का समय बदला जाता है, लेकिन भक्तों को दर्शन की अनुमति रहती है.

लक्ष्मीनाथ मंदिर
राजस्थान के बीकानेर स्थित लक्ष्मीनाथ मंदिर भी ग्रहण काल में खुला रहता है. कथा है कि एक बार ग्रहण के दौरान भगवान को न भोग लगाया गया और न आरती हुई. तब भगवान ने एक हलवाई को स्वप्न में आकर भूख की व्यथा सुनाई. तभी से इस मंदिर में ग्रहण के दौरान भी कपाट खुले रखने की परंपरा शुरू हुई.
राजस्थान के नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी मंदिर भी ग्रहण काल में बंद नहीं होता. मान्यता है कि जिस प्रकार भगवान श्रीनाथ ने गिरिराज पर्वत उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था, वैसे ही वे भक्तों को ग्रहण के दुष्प्रभाव से सुरक्षित रखते हैं. इस दौरान केवल दर्शन होते हैं, बाकी पूजा-विधि टाल दी जाती है.
थिरुवरप्पु श्रीकृष्ण
केरल के कोट्टायम जिले में स्थित थिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मंदिर की विशेष मान्यता है. यहां भगवान को समय पर भोग न लगाने पर मूर्ति क्षीण होने लगती है. एक बार सूर्य ग्रहण के दौरान कपाट बंद कर दिए गए तो भगवान की कमरपेटी भूख के कारण गिर गई. तब से यहां सूतक काल लागू नहीं होता और मंदिर ग्रहण के समय भी खुला रहता है.
दिल्ली का प्रसिद्ध सिद्धपीठ कालकाजी मंदिर ग्रहण काल में भी खुला रहता है. मान्यता है कि मां कालका के अधीन सभी ग्रह और नक्षत्र हैं, इसलिए ग्रहण का उन पर कोई प्रभाव नहीं होता. यही कारण है कि दिल्ली में जहां अन्य सभी मंदिर बंद हो जाते हैं, वहीं कालकाजी मंदिर दर्शन के लिए खुला रहता है.

देवभूमि उत्तराखंड का कल्पेश्वर तीर्थ भी ग्रहण काल में बंद नहीं होता. मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान शिव ने अपनी जटाओं से गंगा के प्रवाह को नियंत्रित किया था. इसलिए यहां ग्रहण काल में भी श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खुले रहते हैं.
विष्णुपद मंदिर
बिहार के गया में स्थित विष्णुपद मंदिर भगवान विष्णु के चरण चिन्हों पर बना है. यहां पितरों के तर्पण का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस मंदिर में ग्रहण काल में भी कपाट बंद नहीं होते. भक्त इस समय भी भगवान के चरणों के दर्शन कर सकते हैं.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें
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