ज्यादा सुखद नहीं है यह घटना
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पितृपक्ष की शुरुआत और समापन ग्रहण के साथ होना पितृ प्रकोप के रूप में देखा जा रहा है, जो ज्यादा सुखद नहीं रहने वाला है. इस तरह ग्रहण पड़ने से प्राकृतिक आपदा, भूकंप, राजनीतिक अस्थिरता, मौसम में बदलाव आदि कई विनाशकारी चीजें देखने को मिल सकती हैं. कुछ ज्योतिषीय गणनाओं में तो बताया गया है कि इस तरह के ग्रहण से भविष्य में नेता और जनता के बीच उथल पुथल, आरोप-प्रत्यारोप या आर्थिक अस्थिरता देखने के संकेत मिल रहे हैं.

कन्या राशि में सूर्य ग्रहण
सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लग रहा है और यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. वैसे सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है. चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए अमावस्या के दिन होने वाले श्राद्ध व तर्पण कार्य में कोई बाधा नहीं होगी और बिना किसी विघ्न के शारदीय नवरात्रि की शुरुआत भी हो जाएगी. जहां पर सूर्य ग्रहण पड़ता है, वहीं ग्रहण से संबंधित नियम लागू होते हैं लेकिन ग्रहण का प्रभाव हर जगह बना रहता है.
एक पाख दो गहना, राजा मरे या सेना… यह एक पुरानी कहावत है, जिसे गांव कस्बों में अक्सर कहा जाता है. इस कहावत का अर्थ है कि एक महीने में दो ग्रहण पड़ने से राजा को नुकसान या प्रजा के लिए महामारी, युद्ध जैसे हालात, प्राकृतिक आपदा, पर्सनल व प्रफेशनल लाइफ में कष्ट का संकेत होता है. एक महीने में दो ग्रहण का होना बेहद अशुभ शगुन होता है, जो राजा और राज्य दोनों के लिए कष्टकारी होता है.
ग्रहण की वजह से आने वाले समय में कई देश की सरकारें बन सकती हैं या बिगड़ सकती हैं. लोगों का सरकार पर भरोसा कम होता जाएगा, जिसकी वजह से अस्थिरता का माहौल बना रहेगा. साथ ही कृषि, बिजनेस, शिक्षा, प्राकृतिक मौसम, अर्थव्यवस्था, करियर आदि पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है. कई देशों में जन आंदोलन, जन विद्रोह की आग, सत्ता पक्ष विपक्ष के बीच संघर्ष देखने को मिल सकता है, जिसकी वजह से जन और धन दोनों में हानि हो सकती है.

चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण से होती हैं ये घटनाएं
चंद्र ग्रहण की वजह से प्राकृतिक आपदा जैसे बादल फटना, भूकंप आना, बाढ़ का आना, समुद्री तुफान, जल की वजह से तबाही देखने को मिलती है. वहीं सूर्य ग्रहण की वजह से आग संबंधित दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं, जैसे – युद्ध होना, दंगे होना, एक के बाद एक एक्सिडेंट, ज्वालामुखी विस्फोट, जगंल में आग लगाना आदि.
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https://hindi.news18.com/news/dharm/surya-grahan-and-chandra-grahan-during-pitru-paksha-solar-eclipse-on-amavasya-astrological-predictions-of-india-and-world-wide-impact-ws-kl-9643442.html