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Take just 2 minutes each day to meditate on your kuldevi pitru devata and isht dev | दिन में बस 2 मिनट निकालकर मन में कह दें ये बात, घर की 3 अदृश्य शक्तियों को करें मजबूत


हर घर में तीन अदृश्य शक्तियां होती हैं, जो हमारे सुख, समृद्धि और शांति की नींव होती हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि कुलदेवी, पितृ देव और इष्ट देव इन तीनों को मना लो, जीवन में सुख ही सुख रहेगा. लोग अपनी समस्याओं से मुक्ति के लिए ज्योतिष, वास्तु या फिर गुरुओं और तांत्रिकों का सहारा लेते हैं लेकिन अलस चीज पर ध्यान नहीं देते. कुलदेवी, पितृ देव और इष्ट देव का अगर आप पूरे दिन में केवल 2 मिनट नाम भी ले लेते हैं तो आप कई तरह की परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं. शास्त्रीय दृष्टि से कुलदेवी, पितृ देव और इष्ट देव ये तीनों जीवन के तीन अलग-अलग आधार स्तंभ माने गए हैं, इनका महत्व समझना अत्यंत आवश्यक है. आइए जानते हैं घर में मौजूद तीन अदृश्य शक्ति स्तंभ के बारे में…

कुलदेवी
कुलदेवी वह शक्ति हैं, जो आपके वंश की रक्षा करती हैं. चाहे हम कितने भी आधुनिक हो जाएं, हमारी आत्मा अपने कुल की ऊर्जा से जुड़ी रहती है. अगर आपने कभी अपने कुलस्थान या कुलदेवी मंदिर जाकर श्रद्धा से प्रणाम नहीं किया, तो मान लीजिए आपकी ऊर्जा का स्रोत कट गया है. जब कुलदेवी प्रसन्न होती हैं तो घर में सुरक्षा, स्थिरता और संतुलन आता है. अगर कुलदेवी नाराज हों तो घर में झगड़े, बीमारियां और असफलताएं बढ़ जाती हैं. कुलदेवी को वंश की जड़ माना जाता है और जड़ मजबूत होगी तो वृक्ष (जीवन) स्थिर रहेगा.

पितृ देव
पितृ देव वो हैं जिन्होंने हमें अस्तित्व दिया. हमारा शरीर, संस्कार और हर सांस उनके आशीर्वाद से जुड़ा है. आज के समय में पितृ तर्पण को अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, जिसके चलते घर में अशांति, आर्थिक रुकावट और मानसिक तनाव बढ़ता है. शास्त्रों में कहा गया है कि पितृ दोष होने पर कोई भी पूजा फलदायी नहीं होती. इसलिए रोजाना सुबह हमें अपने पितृ देव का आभार व्यक्त करना चाहिए. शास्त्रीय मान्यता है कि देवता प्रसन्न हों या ना हों, पितृ अप्रसन्न हों तो जीवन कष्टमय होता है.

इष्ट देव
इष्ट देव वह हैं, जो हमारी आत्मा के रक्षक हैं. हर किसी के इष्ट देव अलग होते हैं. कोई राम, कोई महादेव, तो कोई माता दुर्गा को अपना इष्ट देव मानता है. जब हम रोज उन्हें प्रणाम करते हैं, तो मन स्थिर रहता है, निर्णय सही होते हैं और रिश्तों में करुणा बनी रहती है. शास्त्रीय दृष्टि के मुताबिक इष्ट देव की साधना से ग्रह बाधाएं स्वतः शांत होती हैं, मन स्थिर रहता है और निर्णय शक्ति बढ़ती है. इष्ट देव आत्मा के मित्र हैं, जिनसे आपकी आत्मा का सहज, स्वाभाविक संबंध होता है.

हर दिन कहें यह बात
इसलिए सुबह-शाम बस 2 मिनट निकालकर मन में कहना चाहिए, ‘हे मेरी कुलदेवी, मेरे कुल की रक्षा करो. हे पितृ देव, मेरे कर्म मार्ग को प्रकाशित करो. हे मेरे इष्ट देव, मेरे मन को शांत करो.’ यही ऊर्जा शुद्धि का सबसे सशक्त तरीका है. लोग वास्तु, फेंगशुई या क्रिस्टल्स आजमा लेते हैं, लेकिन आत्मिक वास्तु भूल जाते हैं. यही तीनों शक्तियां आपके जीवन के असली ऊर्जा स्तंभ हैं.


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https://hindi.news18.com/news/dharm/astrological-remedies-take-just-2-minutes-each-day-to-meditate-on-your-kuldevi-pitru-devata-and-isht-dev-ws-kl-9958868.html

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