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Veerabhadra Swamy Temple: वैसे तो भारत में भगवान शिव के कई मंदिर हैं लेकिन एक ऐसा मंदिर है, जो अपने चमत्कार और रहस्यों से भरा हुआ है. इस मंदिर में भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान वीरभद्र की पूजा की जाती है. इस मंदिर का निर्माण 6वीं शताब्दी में करवाया गया था. आइए जानते हैं श्री वीरभद्र स्वामी मंदिर के बारे में…
Shri Veerabhadra Swamy Temple, Temple of Hanging Pillars : सनातन धर्म में देवों के देव महादेव की महिमा का बखान सदियों से किया जा रहा है. भगवान शिव का आदि और अंत किसी को नहीं पता, इसलिए उन्हें सृष्टि के सृजनकर्ता और विनाशक दोनों रूपों में देखा जाता है. समय आने पर उन्होंने अपने कई अंश विकसित किए है, जिनमें से एक हैं वीरभद्र भगवान. आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के पास लेपाक्षी गांव में भगवान वीरभद्र का ऐसा मंदिर है, जहां खंभे हवा में झूलते रहते हैं. यह मंदिर रहस्यों से भरा हुआ है और इस मंदिर में दर्शन करने मात्र से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और हर भय, रोग, शोक आदि से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं रहस्यों से भरे हुए श्री वीरभद्र स्वामी मंदिर के बारे में…
श्री वीरभद्र स्वामी मंदिर शक्ति का प्रतीक है और मंदिर की भारतीय वास्तुकला देखने लायक है. बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण 6वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के राजाओं ने कराया था. मंदिर का निर्माण ग्रेनाइट चट्टानों से किया गया है और पत्थर पर बारीक नक्काशी की गई है और देवी-देवताओं की प्रतिमा को उकेरा गया है, जो महाभारत और रामायण की कहानी को दिखाते हैं. इस मंदिर को लेपाक्षी मंदिर और हैंगिंग टेम्पल के नाम से भी जाना जाता है.
भगवान वीरभद्र की होती है पूजा
मंदिर में भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान वीरभद्र की पूजा की जाती है और उनकी प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह में रखा गया है. मंदिर के इतिहास के बारे में बात करें तो इसको लेकर कई किंवदंतियां मौजूद हैं. मंदिर के इतिहास को रामायण से जोड़कर भी देखा गया है. बताया जाता है कि जब रावण ने मां सीता का हरण किया था, तो जटायु ने उन्हें बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी थी और वो इसी स्थान पर गिरे थे. भगवान राम ने पीड़ा को समझते हुए जटायु को ‘ले पाक्षी’ कहा था, जिसका तेलुगू में मतलब है ‘उठो, पक्षी’. मान्यता है कि इसी वजह से मंदिर को लेपाक्षी मंदिर भी कहते हैं.
हवा में हैं मंदिर के खंभे
श्री वीरभद्र स्वामी मंदिर रहस्यों से भरा मंदिर है. मंदिर में कुल 70 खंभे हैं और 70 खंभे हवा में तैरते हैं. खंभों का निचला सिरा जमीन को नहीं छूता है, बल्कि दोनों के बीच में एक गैप होता है, जिसके नीचे से कपड़े को आर-पार करके देखा जा सकता है. इसी वजह से मंदिर पर्यटन का विशेष केंद्र है. खंभों और जमीन के गैप को आंखों से देखा जा सकता है.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें
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