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How To Build Confidence Level: आज आप खुद पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं तो रुकिए मत. अपने भीतर झांकिए और अपने लिए कोई ऐसा मार्गदर्शक खोजिए जो आपको आपसे मिलवा सके. क्योंकि जब तक आप खुद से नहीं मिलते, तब तक दुनिया आ…और पढ़ें

आत्मविश्वास बढ़ाने का उपाय
हाइलाइट्स
- खुद पर भरोसा न होना आज की बड़ी मानसिक चुनौती है.
- आत्मविश्वास अंदर से जागता है, बाहर से नहीं आता.
- गुरु की उपस्थिति से आत्मविश्वास बढ़ता है.
How To Build Confidence Level: आजकल के समय में बहुत से लोग अंदर से टूटे हुए हैं. बाहर से चाहे कितने भी खुश दिखें, लेकिन भीतर एक सवाल हर किसी को परेशान करता है क्या मैं कुछ कर सकता हूं? क्या मैं वाकई काबिल हूं? खुद पर भरोसा न होना आज के दौर की सबसे बड़ी मानसिक चुनौतियों में से एक बन चुकी है. जब हम बार-बार असफल होते हैं या जब आसपास के लोग हमें कमजोर समझने लगते हैं, तब धीरे-धीरे हमारा आत्मविश्वास कम होने लगता है. कई बार यह कमी हमारी परवरिश, बचपन के अनुभवों या समाज के दबाव के कारण भी होती है, लेकिन असली परेशानी तब शुरू होती है जब हम खुद को ही कमज़ोर मानने लगते हैं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
खुद पर यकीन तभी आता है जब हमारे अंदर एक गहराई से जुड़ा हुआ विश्वास जागता है. यह विश्वास कोई बाहर से नहीं ला सकता. इसे अंदर से ही उठना पड़ता है. इसे ही कुछ लोग “अनाहत” कहते हैं. यानी दिल की वो आवाज़ जो हमें हमारी असली पहचान बताती है.
लेकिन यह आवाज़ तब तक नहीं सुनाई देती जब तक मन शांत न हो और जीवन में एक सच्चा मार्गदर्शक न हो. हर इंसान के जीवन में एक मोड़ ऐसा आता है जब वह सोचता है कि अब कुछ बदलना होगा. लेकिन बदलाव सिर्फ सोच से नहीं आता, उसके लिए सही दिशा ज़रूरी होती है.
यही दिशा गुरु दिखाते हैं.
गुरु कोई जादू नहीं करते, लेकिन उनकी उपस्थिति में आपके अंदर का छुपा हुआ आत्मविश्वास धीरे-धीरे बाहर आने लगता है. आप चीज़ों को नए नज़रिए से देखना शुरू करते हैं. आपकी सोच सीमाओं को पार करने लगती है. और सबसे ज़रूरी बात आप खुद को स्वीकार करना सीखते हैं.
यह स्वीकार करना कि हां, मैं डरता हूं, लेकिन फिर भी कोशिश करूंगा. यही सोच अनाहत को जगाती है. खुद पर यकीन लाना कोई एक दिन का काम नहीं है. यह एक यात्रा है. इस यात्रा में आपको अपने पुराने डर, असुरक्षा और नकारात्मक सोच से लड़ना होगा, लेकिन जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे रास्ता साफ़ होने लगता है.
इस सफर में गुरु का साथ होना वैसा ही है जैसे अंधेरे कमरे में कोई दिया जला दे. आप खुद चल रहे होते हैं, लेकिन रोशनी किसी और की होती है.
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https://hindi.news18.com/news/dharm/tips-by-astrologer-to-boost-confidence-kaise-badhayen-apna-aatmavishwas-ws-kl-9260096.html