Tulsi vivah 2024: हिंदू धर्म में कई व्रत-त्योहार हैं, जिसे करने से विशेष शुभ फल की प्राप्ति होती है. आज 12 नवंबर को देशभर में देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जा रहा है. देवउठनी एकादशी में विष्णु भगवान जी की पूजा विधि-विधान से की जाती है. मान्यता है कि आज के दिन भगवान विष्णु चार माह के योग निद्रा के बाद जागते हैं. खास बात ये भी है कि आज तुलसी विवाह भी है. आज के दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम से मां तुलसी का विवाह कराया जाता है. तुलसी जी का विवाह करने से घर में सौभाग्य, सुख-समृद्धि आती है. नियमों के अनुसार तुलसी जी और शालिग्राम का विवाह कराने से तुलसी माता प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देती हैं. मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
तुलसी विवाह 2024 का शुभ मुहूर्त (Tulsi Vivah Shubh muhurat)
आज देवउठनी एकादशी है, जो इस वर्ष की सबसे बड़ी एकादशी है. आज तुलसी विवाह का भी दिन है. आज शाम 5 बजकर 29 मिनट से लेकर शाम 7:53 मिनट तक तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त है. ऐसे में विधि-विधान से आप इस शुभ मुहूर्त पर तुलसी विवाह संपन्न कर लें वरना पूजा और व्रत का फल प्राप्त नहीं होगा. विवाह का सबसे बेहतर समय सूर्यास्त के बाद का समय होता है, जिसे गोधूलि वेला भी कहते हैं. यह शाम 5 से लेकर 7 बजे की बीच होता है.
ज्योतिषाचार्य, न्यूमेरोलॉजिस्ट, टैरो कोच डॉ. गौरव कुमार दीक्षित कहते हैं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो इंसान विष्णु भगवान के शालिग्राम रूप के साथ तुलसी का विवाह कराता है, उसे इस लोक और परलोक में विपुल यश प्राप्त होता है.
क्या तुलसी विवाह के दिन तोड़ सकते हैं तुलसी पत्ते?
-तुलसी जी का विवाह आज विष्णु जी के स्वरूप शालिग्राम से किया जाएगा. मान्यता है कि पूजा पर शालिग्राम को तुलसी के पत्ते अवश्य चढ़ाना चाहिए. तुलसी के पौधे के नीचे शालिग्राम भगवान को बिठाया जाता है. ऐसे में तुलसीदल एक दिन पहले तोड़कर रख लिया जाता है. तुलसी विवाह के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने की मनाही होती है. वर्जित माना गया है. ऐसा करने से तुलसी मां नाराज हो सकती हैं. ऐसा करना अशुभ माना गया है.
न हों तुलसी के पत्ते तो क्या करें?
–ज्योतिषाचार्य, न्यूमेरोलॉजिस्ट, टैरो कोच डॉ. गौरव कुमार दीक्षित के अनुसार, वैसे तो एक दिन पूर्व ही तुलसी की पत्तियों को तोड़ कर रख लेनी चाहिए. यदि किसी भी कारण से तुलसी के पत्ते नहीं तोड़े पाए हों तो आप अपने घर के आंगन, बालकनी में लगे तुलसी के पौधे के आसपास जमीन या गमले में गिरी हुई पत्तियों को भी ले सकते हैं. उन्हें शुद्ध जल से धोकर पूजा में इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि पत्ते गिरे हुए न मिलें तो आप अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों से भी कुछ पत्तियां मांग कर ला सकते हैं, जो लोग तुलसी विवाह करते हैं.
– गलती से भी आप तुलसी विवाह के दिन तुलसी पत्र तोड़ लेते हैं तो क्षमा याचना करें. इसके लिए आप इन दो मंत्रों में से किसी एक का जाप पूजा के समापन के समय करके क्षमा याचना कर सकते हैं.
ॐ अपराधसहस्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया |
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि ||
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम् |
पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि ||
– तुलसी विवाह के दिन तुलसी मां को पहले स्नान कराएं. तुलसी की पत्तियां साफ हो जाएं तो फिर वहां चढ़ाए गए सभी पुराने फूल, प्रसाद, फल आदि हटा दें. तुलसी मां पर लाल रंग की चुनरी रखें. तुलसी मां का सोलह श्रृंगार करें. तुलसी विवाह के दिन तुलसी जी की पूजा करने से आपकी जिंदगी खुशहाल होगी. आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिल सकता है.
– एकादशी, द्वादशी, सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए, इसलिए तुलसी विवाह के दिन आप तुलसी पत्र न तोड़ें.
– धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी में तुलसी की पत्तियों को तोड़ने से आपको ग्यारह वर्षों तक इस कार्य को करने के बदले दुख, कष्ट, समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
– एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से विष्णु भगवान का भी अपमान माना जाता है.
– आज 12 नवंबर मंगलवार का दिन है. ऐसे में मंगलवार के दिन भी तुलसी तोड़ना वर्जित माना गया है.
तुलसी विवाह का महत्व
जो व्यक्ति विधि-विधान से तुलसी मां और शालिग्राम की पूजा कराते हैं, व्रत रखते हैं, उनके घर कभी भी सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती है. घर में धन-दौलत में बढ़ोतरी होती है. घर में तुलसी का पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. नेगेटिविटी दूर होती है. तुलसी मां और विष्णु भगवान की पूजा तुलसी विवाह के दिन करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 13:11 IST
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