Last Updated:
Tulsi Vivah Kab Hai 2025 Date: तुलसी विवाह हर साल कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि को होता है. इस दिन तुलसी का विवाह भगवान शालिग्राम से कराया जाता है. इस बार तुलसी विवाह 2 नवंबर को है या 3 नवंबर को? आइए जानते हैं कि तुलसी विवाह की सही तारीख क्या है? तुलसी विवाह का मुहूर्त क्या है?
Tulsi Vivah Kab Hai 2025 Date: तुलसी विवाह का आयोजन हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को होता है. तुलसी विवाह हमेशा सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में किया जाता है. इस दिन वृंदा यानि तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम से कराया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं. जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही है या किसी कारण से कोई परेशानी आ रही है तो वे भी दूर होती है. इस बार तुलसी विवाह 2 नवंबर को है या 3 नवंबर को? आइए जानते हैं कि तुलसी विवाह की सही तारीख क्या है? तुलसी विवाह का मुहूर्त क्या है?
तुलसी विवाह की तारीख
तुलसी विवाह मुहूर्त
- तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 35 मिनट से है क्योंकि उस समय सूर्यास्त होगा और प्रदोष काल प्रारंभ होगा. प्रदोष काल में तुलसी विवाह का आयोजन विधि विधान से करना चाहिए. तुलसी विवाह के दिन गोधूलि मुहूर्त शाम 05:35 पी एम से लेकर शाम 06:01 पी एम तक है, वहीं सायाह्न सन्ध्या मुहूर्त 05:35 पी एम से 06:53 पी एम तक है.
- 2 नवंबर को तुलसी विवाह के समय में शुभ उत्तम मुहूर्त भी बना हुआ है. उस दिन शाम को शुभ-उत्तम मुहूर्त 5 बजकर 35 मिनट से 7 बजकर 13 मिनट तक है. वहीं अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त शाम को 7 बजकर 13 मिनट से रात 8 बजकर 50 मिनट तक है.
- तुलसी विवाह के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:50 ए एम से 05:42 ए एम तक है, वहीं उस दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:42 ए एम से दोपहर 12:26 पी एम तक है.
सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा तुलसी विवाह
- इस साल तुलसी विवाह पर दो शुभ योग बन रहे हैं. पहला शुभ योग यानि त्रिपुष्कर योग सुबह 7 बजकर 31 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 03 मिनट तक है. उसके बाद से सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग शाम को 5 बजकर 3 मिनट से लेकर अगले दिन 3 नवंबर को सुबह 6 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.
- सर्वार्थ सिद्धि योग में आप जिस शुभ मनोकामना से तुलसी विवाह का आयोजन करेंगे, वह सफल सिद्ध होगा क्योंकि सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल होते हैं. वहीं त्रिपुष्कर योग में किए गए कार्यों के तीन गुना फल प्राप्त होते हैं.
तुलसी विवाह का महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने वृंदा को वरदान दिया था कि उनके अवतार शालिग्राम से उनका विवाह होगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिना तुलसी के उनकी पूजा पूर्ण नहीं होगी. इस वजह से विष्णु पूजा में तुलसी का उपयोग होता है. तुलसी विवाह कराने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है. जो लोग अविवाहित हैं, उनके विवाह को योग बनता है.
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/dharm/tulsi-vivah-2025-date-2-0r-3-november-muhurat-2-shubh-yoga-significance-of-tulsi-marriage-9785739.html







