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Vastu Tips: परीक्षा में हो रहे हैं बार-बार फेल? फौरन अपना लीजिए ये वास्तु टिप्स, तुरंत मिल सकती कामयाबी

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Study Room Vastu: वास्‍तु से हमारे जीवन का हर हिस्‍सा प्रभावित होता है और इसका शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है. घर के प्रत्‍येक सदस्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य, करियर और धन के मामलों पर वास्‍तु का गहरा प्रभाव पड़ता है. वास्‍तु में दोष होने पर आपकी तरक्‍की में भी बाधा आती है और आपके परिवार के लोगों को तमाम प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आज हम बात करने जा रहे हैं बच्‍चों की पढ़ाई के बारे में. कई घरों में ऐसा देखने में आता है कि कुछ बच्‍चे मेहनत के बाद भी पढ़ाई में पीछे होने लगते हैं. बच्‍चों के पढ़ाई करने की दिशा या फिर उनके कमरे में वास्‍तु दोष के कारण भी ऐसा हो सकता है. बार बार परीक्षा में फेल हो रहे हैं अथवा याद नहीं होता है या पढ़ाई में मन ही नहीं लगता तो आज हम आपको कुछ वास्तु टिप्स बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप इस समस्या का समाधान कर सकते हैं.

1. इस बात का ध्‍यान रखें कि अध्‍ययन करते समय बच्‍चे का मुख उत्‍तर-पूर्व या फिर उत्‍तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए. इस दिशा को देव दिशा माना जाता है. इस दिशा में मुख करके पढ़ने से बच्‍चों को मां सरस्‍वती की कृपा प्राप्‍त होती है. इसके उनके विचारों में उच्‍चता आती है और उनका मन भी एकाग्रचित होकर पढ़ाई में लगता है. इस दिशा में मुख करके पढ़ने से बच्‍चों को पढ़ा हुआ पाठ्यक्रम जल्‍दी समझ में भी आता है और जल्‍दी याद हो जाता है.

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2. अगर आप घर बनवाने के बारे में सोच रहे हैं या फिर नए घर में रहने जा रहे हैं तो इस बात का ध्‍यान रखें कि बच्‍चों के पढ़ने कमरा उत्‍तर-पूर्व में ही हो या फिर पूर्व में ही बनाया जाए. ऐसा होने से बच्‍चों का मन पढ़ाई में लगता है और उन पर ईश्‍वर की विशेष कृपा रहती है.

3. पढ़ाई के कमरे में एक बात का विशेष ध्‍यान रखें कि टेबल पर खेलने की वस्‍तुएं या फिर ऐसी चीजें न रखें जिससे बच्‍चों का ध्‍यान बंटे. हमेशा अध्‍ययन कक्ष में ऐसी वस्‍तुएं रखनी चाहिए जो बच्‍चों को एकाग्र होने में मदद करें. पढ़ाई की मेज पर पिरामिड, मीनार, या उड़ने वाले पक्षी फीनिक्स का चित्र रखना चाहिए. ऐसा करने से बच्‍चों की सोचने की क्षमता में विस्‍तार होता है और उनकी कल्‍पनाशीलता में भी वृद्धि होती है. इसके साथ ही बच्‍चों की टेबल पर आप स्‍फटिक ग्‍लोब रखना चाहिए. ग्लोब को रोज घुमाना चाहिए.

4. पढ़ाई करते समय बच्‍चे इस प्रकार से न बैठें कि दरवाजे की ओर उनकी पीठ रहे या फिर अध्‍ययन करते समय उनके पीछे कोई रुकावट रहे या फिर उनके सामने कोई खंबा या फिर अन्‍य कोई बाधा हो. ऐसा होने से बच्‍चों की बुद्धि का मानिसक विकास रुक जाता है और उनका मन भी पढ़ाई में कम लग पाता है.

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5. बच्‍चों के पढ़ाई के कमरे की दीवारों का रंग भी मायन रखता है. दीवारों का रंग हल्‍का नीला, बादामी या फिर पीला होना चाहिए. दीवारों पर प्रेरणादायक महापुरुषों या फिर महान वैज्ञानिकों के चित्र भी आप लगा सकते हैं. ऐसा करने से आपको प्रेरणा प्राप्‍त होती रहेगी. आप चाहें तो दीवारों पर छोटी-छोटी रेक बनवाकर बच्‍चों की ट्रॉफी आदि लगा सकते हैं.

6. वास्तु शास्त्र के अनुसार, बच्‍चों की अलमारी किताबें कभी भी खुली नहीं रहनी चाहिए. अगर आपके घर में अलमारियां खुली हुई हैं तो बच्‍चों की किताब वाली अलमारी पर पर्दा डालकर रखना चाहिए. खुली किताबें नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती हैं. मेज पर किताबें बिखरी नहीं रहनी चाहिए. अध्‍ययन कक्ष में भूलकर भी पुरानी किताबें या फिर कबाड़ न रखें. ऐसा करने से आपके घर में नकारात्‍मक ऊर्जा उत्‍पन्‍न होती है. जो बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य और दिमाग दोनों पर प्रभाव डालती हैं.


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https://hindi.news18.com/news/astro/astro-tips-vastu-dosh-tips-for-study-room-student-get-good-memory-know-solution-and-how-to-solve-it-8751310.html

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