Vivah Subh Muhurat 2025: सनातन धर्म में कोई भी कार्य बिना शुभ मुहूर्त के नहीं किया जाता है. खासतौर पर पवित्र बंधन में बंधने वाली शादियां. जी हां, विवाह जीवन का सबसे खास समय होता है जो हमारे 16 संस्कारों का भी हिस्सा है. इसलिए शादी से पहले ज्योतिष से शुभ मुहूर्त जानना बेहद जरूरी हो जाता है. विद्वानों की मानें तो, बिना शुभ मुहूर्त के शादी-विवाह करना अमंगल माना जाता है. क्योंकि गलत मुहूर्त का असर हमारे जीवन के साथ-साथ उस कार्य पर भी पड़ता है.
आपको बता दें कि, साल 2024 समाप्ति और साल 2025 शुरू होने वाली है. ऐसे में तमाम लोगों को शादियां लगभग तय हो चुकी होंगी. अब उनको इंतजार होगा तो सिर्फ शुभ मुहूर्त का. यदि आप भी इसका इंतजार कर रहे हैं तो पूरे साल का शुभ मुहूर्त जानना बेहद जरूरी हो जाता है. आपको बता दें कि, साल 2025 करीब 75 शुभ मुहूर्त हैं. अब सवाल है कि आखिर साल 2025 में विवाह की शुभ तिथियां और मुहूर्त क्या हैं? किन महीनों में नहीं कोई विवाह मुहूर्त? इस बारे में Bharat.one को जानकारी दे रहे हैं प्रताप विहार गाजियाबाद के ज्योतिर्विद और वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी-
साल 2025 में इन 4 महीने में नहीं है शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य की मानें तो साल 2025 करीब 75 शुभ मुहूर्त हैं. इन शुभ मुहूर्तों का क्रम जनवरी 2025 से दिसंबर तक चलेगा. हालांकि, बीच के कुछ महीने ऐसे भी हैं, जिनमें एक भी विवाह के मुहूर्त नहीं है. इन माह में जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर शामिल हैं. वहीं, जून में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे. इसके बाद नवंबर और दिसंबर में विवाह के शुभ मुहूर्त रहेंगे.
साल 2025 में विवाह की 75 शुभ तिथियां और मुहूर्त
– जनवरी 2025 के मुहूर्त: 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 26 और 27 जनवरी.
– फरवरी 2025 के मुहूर्त: 2, 3, 6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23 और 25 फरवरी.
– मार्च 2025 के शुभ मुहूर्त: 1, 2, 6, 7 और 12 मार्च को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं.
– अप्रैल 2025 के मुहूर्त: 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29 और 30 अप्रैल.
– मई 2025 के मुहूर्त: 1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27 और 28 मई.
– जून 2025 के शुभ मुहूर्त: 2, 4, 5, 7 और 8 जून को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं.
– नवंबर 2025 के मुहूर्त: 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 नवंबर.
– दिसंबर 2025 के मुहूर्त: 4, 5 और 6 दिसंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं.
विवाह का धार्मिक महत्व
सनातन धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है, जो कई प्रकार की परंपराओं और मान्यताओं से समृद्ध है. विवाह कई तरह से किए जाते हैं, प्रत्येक के अपने-अपने रीति-रिवाज और महत्व होते हैं. हिंदू धर्म में यह 16 संस्कारों मे से एक होता है और इसके बगैर कोई भी व्यक्ति ग्रहस्थाश्रम में प्रवेश नहीं कर सकता है. इसलिए हमारे शास्त्रों में विवाह को सबसे महत्वपूर्ण और कल्याणकारी माना जाता है.
विवाह में सात फेरों का महत्व
विवाह में सात फेरा बेहद शुभ माना जाता है. वर-वधु अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेते हैं. पहले चार फेरे में वर आगे होते हैं और दूसरे तीन फेरे में वधू आगे रहती है. शादी में वर वधु सात फेरे लेकर अपनी समस्त ऊर्जा और शक्ति एक दूसरे को समर्पित करने का वचन देती है. साथ ही सात जन्मों तक दूसरे का साथ निभाने का भी वचन देती है, इसलिए हिन्दू धर्म में सात फेरे शुभ माना जाता है.
FIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 08:37 IST
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