Rama Tulsi VS Shyama Tulsi: तुलसी का पौधा हर हिंदू घर की पहचान माना जाता है. किसी भी घर में तुलसी का होना सिर्फ धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि वास्तु और स्वास्थ्य के नजरिए से भी बेहद शुभ माना जाता है. बचपन से ही हम सुनते आए हैं कि तुलसी के पौधे में देवी लक्ष्मी का वास होता है और जिस घर में तुलसी रहती है, वहां सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है. पूजा-पाठ में तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल आम बात है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि तुलसी की भी कई किस्में होती हैं – जिनमें रामा तुलसी और श्यामा तुलसी सबसे प्रमुख हैं? कई लोग इस बात को लेकर उलझन में रहते हैं कि घर में कौन-सी तुलसी लगानी चाहिए – रामा या श्यामा? दोनों ही तुलसी अपने-अपने तरीके से पवित्र और लाभकारी मानी जाती हैं. एक जहां शांति और समृद्धि का प्रतीक है, वहीं दूसरी ऊर्जा और शक्ति का स्रोत मानी जाती है. वास्तु शास्त्र में दोनों के अलग-अलग फायदे बताए गए हैं, अगर आप भी घर में तुलसी लगाने की सोच रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि दोनों में अंतर क्या है, कौन-सी तुलसी किस देवता को प्रिय है, और किसका असर घर के माहौल पर ज्यादा सकारात्मक माना गया है. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य रवि पराशर से.
रामा और श्यामा तुलसी में फर्क क्या है
सबसे पहले अगर बात करें पहचान की, तो रामा तुलसी के पत्ते हल्के हरे रंग के होते हैं और इसकी खुशबू बेहद सौम्य होती है. वहीं श्यामा तुलसी के पत्तों का रंग गहरा हरा, बैंगनी या काला होता है और इसकी महक थोड़ी तेज होती है. दोनों ही तुलसी पवित्र हैं और इनका धार्मिक महत्व अलग-अलग है. रामा तुलसी को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को अर्पित किया जाता है. इसे सौम्यता और शांति का प्रतीक माना गया है. दूसरी ओर, श्यामा तुलसी को श्रीकृष्ण से जोड़ा गया है और यह ऊर्जा, शक्ति और रक्षा का प्रतीक मानी जाती है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार कौन-सी तुलसी लगाना शुभ है
-वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि तुलसी का कोई भी पौधा शुभ होता है. चाहे आप रामा तुलसी लगाएं या श्यामा, दोनों ही घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती हैं और नकारात्मक शक्तियों को दूर रखती हैं.
-रामा तुलसी को उत्तर या पूर्व दिशा में लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है. वहीं श्यामा तुलसी अगर घर के आंगन या बालकनी में रखी जाए तो यह परिवार में एकजुटता और आत्मबल बढ़ाती है.

दोनों तुलसी के औषधीय गुण
रामा और श्यामा तुलसी दोनों ही सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं.
1. रामा तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो सर्दी-जुकाम, खांसी और गले के दर्द में राहत देते हैं.
2. श्यामा तुलसी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है और ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है. यह हृदय के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है.
आयुर्वेद में तुलसी को “औषधियों की रानी” कहा गया है क्योंकि यह शरीर से टॉक्सिन निकालने में मदद करती है और दिमाग को शांत रखती है.

तुलसी की देखभाल कैसे करें
तुलसी के पौधे को रोज पानी देना चाहिए, लेकिन ज्यादा पानी डालने से बचें. सूरज की हल्की धूप में इसे रखना सबसे अच्छा रहता है. पौधे के आसपास सफाई बनाए रखें, और शाम के समय दीया जलाकर तुलसी की परिक्रमा करें. इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है. यह भी ध्यान रखें कि तुलसी को रविवार और एकादशी के दिन न तोड़ें, और ना ही उस पर झूठे हाथ लगाएं. तुलसी के सूखे पत्तों को फेंकने की बजाय गंगा जल में प्रवाहित करना शुभ माना गया है.
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