Monday, October 7, 2024
31.3 C
Surat

क्या आप भी खरीदना चाहते हैं मधुबनी पेंटिग से बनी सामग्री?, तो पहुंचे यहां, देखते ही कर लेंगे पसंद – Buy madhubani painted thinks as soon as you see in muzaffarpur fair


ऋतु राज/मुजफ्फरपुर:- मधुबनी की पेंटिंग सिर्फ मिथिलांचल तक ही नहीं, बल्कि यह बिहार और नेपाल की सांस्कृतिक विरासत की पहचान भी है. हाल के सालों में इस कला को रोजगारपरक बनाए जाने का असर भी दिख रहा है. एक समय था, जब इस कला को जानने वाले चुनिंदा लोग ही थे. लेकिन अब इस कला को सीखने और उसके माध्यम से मिथिला की संस्कृति को उजागर करने के लिए देशभर के कलाप्रेमी आगे आ रहे हैं. पहले यह चित्रकला रंगोली के रूप में थी और ज्यादातर कच्चे मकानों पर बनाई जाती थी. लेकिन जैस-जैसे वक्त बदला, यह पेंटिंग कच्ची दीवारों से आगे बढ़कर कपड़ो और कागजों पर उतर आई. अब पूरी दुनिया में इस पेंटिंग को पहचान मिल रही है.

जमकर लोग कर रहे खरीदारी
मुजफ्फरपुर में लगे उद्योग मेला में दरभंगा की रहने वाली संगीता मधुबनी पेंटिंग से बने बैग, रूमाल, साड़ी के साथ अन्य कई चीजें बेच रही हैं. साथ ही वह मधुबनी पेंटिंग के बारे में लोगों को समझा रही हैं. लोग भी इसे खूब पसंद कर रहे हैं और जमकर खरीदारी कर रहे हैं. इस पेंटिंग को संगीता खुद बनाती हैं और मधुबनी पेंटिंग सीखने वालों को ट्रेनिंग भी देती हैं. मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर जैसे जिलों में इनके ट्रेनिंग सेंटर भी हैं.

नोट:- गया से अयोध्या मंगवाया गया भगवान विष्णु के चरण का नीर, फल्गु का जल और बालू, जानें क्या है वजह

पेंटिंग के जरिए रोजगार को दे रहीं बढ़ावा
संगीता बताती हैं कि वह तीन पैटर्न पर पेंटिंग बनाती हैं. इसमें पहला सांस्कृतिक पैटर्न होता है, जिसमें हम लोग भगवान की पेंटिंग बनाने के साथ-साथ ऐतिहासिक और समाजिक महत्व के दूसरे आयाम को उकेरते हैं. दूसरा जो हमारे आसपास में चल रहा होता है, उसे भी हम मधुबनी पेंटिंग के जरिए दिखाते हैं. तीसरा है प्रकृति, जैसे पेड़-पौधा, पशु-पक्षी. इन सभी को आधार मानकर हम लोग मधुबनी पेंटिंग बनाते हैं. संगीता बताती हैं कि पेंटिंग से हम लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. वह लोगों को पेंटिंग बनाने का ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रेनिंग देती है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/culture-buy-madhubani-painted-thinks-as-soon-as-you-see-in-muzaffarpur-fair-7980725.html

Hot this week

छतरपुर का महामुलिया उत्सव: बच्चों के लिए खास, 15 दिन तक चलता है यह अनोखा पर्व

छतरपुर: आधुनिक दौर में जहां बच्चे ज्यादातर समय...

रामग्राम के बौद्ध स्तूप में आखिर क्या है खास, इतिहासकार से जानें रहस्य

महाराजगंज जिले के चौक क्षेत्र स्थित रामग्राम अपने...

Topics

रामग्राम के बौद्ध स्तूप में आखिर क्या है खास, इतिहासकार से जानें रहस्य

महाराजगंज जिले के चौक क्षेत्र स्थित रामग्राम अपने...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img