Friday, January 17, 2025
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सालों से बजा रहे हैं वाद्य यंत्र, बुंदेली नृत्य की हर विधा का निकालते हैं संगीत


छतरपुर: बुंदेलखंड अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और विशेष रूप से बुंदेली संगीत के लिए जाना जाता है, जो लोगों को अपनी धुनों पर थिरकने के लिए मजबूर कर देता है. इसी सांस्कृतिक धारा को जीवित रखने में छतरपुर के मऊसानिया के रहने वाले चंदन सिंह का अहम योगदान है. चंदन सिंह ने वर्षों से अपने पारंपरिक वाद्य यंत्र से बुंदेली नृत्य की हर विधा का संगीत निकालने का हुनर साध लिया है.

पुराने वाद्य यंत्र से निकालते हैं अनूठी धुनें
चंदन सिंह अपने पुराने नगड़िया वाद्य यंत्र से ऐसा संगीत निकालते हैं, जो सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देता है. नगड़िया एक पुराना पारंपरिक यंत्र है, जो बुंदेली लोकगीतों और नृत्य की धुनों के लिए मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है. चंदन सिंह अपने वाद्य यंत्र से राई, कछियाई, लमटेरा, और दीवारी जैसे सभी बुंदेली नृत्यों के लिए संगीत बजा लेते हैं.

समर्पण और परंपरा के प्रति लगाव
चंदन सिंह की कला बुंदेली लोकसंस्कृति की विविधताओं को समेटे हुए है. उनकी नगड़िया से निकली धुनें न केवल बुंदेली नृत्य विधाओं को जीवित रखती हैं, बल्कि लोगों के दिलों में भी जगह बना रही हैं. वे छतरपुर के विभिन्न स्थानों पर घूम-घूमकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं और इसी से अपने जीवनयापन का खर्च भी चलाते हैं. चंदन सिंह का यह अनूठा हुनर और समर्पण उन्हें आज सोशल मीडिया पर भी वायरल बना रहा है, जहां लोग उनकी कला की सराहना कर रहे हैं.

बुंदेली नृत्य की प्रमुख विधाएं

राई नृत्य:
बुंदेलखंड का पारंपरिक राई लोक नृत्य खासतौर पर सरसों के दानों की तरह झूमकर नाचने वाली महिलाओं के लिए प्रसिद्ध है. इसमें कलाकार नगड़िया, ढोलक, झीका, और रामतूला जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप पर नृत्य करते हैं, जिसमें वे अनूठी ऊर्जा और तालमेल दिखाते हैं.

दीवारी नृत्य:
यह नृत्य युद्ध कला को दर्शाता है, जिसे देख दर्शक आश्चर्यचकित रह जाते हैं. इसमें युवाओं के पैंतरे देखने लायक होते हैं, जो यह अहसास कराते हैं कि जैसे वे दीपावली मनाने नहीं, बल्कि युद्ध के मैदान में विजय प्राप्त करने निकले हों.

चंदन सिंह जैसे कलाकार बुंदेली संस्कृति की आत्मा को संजीव बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उनके वाद्य यंत्र से निकला संगीत और बुंदेली नृत्य की धुनें इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को न केवल जीवित रखे हुए हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/culture-he-has-been-playing-this-musical-instrument-for-years-and-produces-music-for-every-form-of-bundeli-dance-local18-8698376.html

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