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बिहार के इस गांव में मिलती है ‘चांदी की मछली’, इतनी अनोखी कि मुगल भी थे इसके दीवाने!


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बिहार के मनिया गांव की चांदी की मछली अपनी नाजुक कारीगरी और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. यह कला मुगलकाल से चली आ रही है और गांव की पहचान है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसे सराहते हैं.

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मनिया

मनिया गांव की फेमस चांदी की मछली 

हाइलाइट्स

  • मनिया गांव की चांदी की मछली प्रसिद्ध है.
  • यह कला मुगलकाल से चली आ रही है.
  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसे सराहते हैं.

दिल्ली: बिहार के एक छोटे से गांव मनिया में एक अनोखी परंपरा और कारीगरी देखने को मिलती है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं यह गांव अपनी प्रसिद्ध चांदी की मछली के लिए जाना जाता है. इसकी खासियत सिर्फ इसकी खूबसूरती में ही नहीं, बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व में भी छिपी हुई है.
मनिया गांव के कारीगरों द्वारा बनाई जाने वाली चांदी की मछली स्थानीय शिल्पकला का एक बेहतरीन उदाहरण है. इसका नाजुक डिजाइन, चमकदार चांदी का उपयोग और बारीक कारीगरी इसे एक अनूठी कलाकृति बनाते हैं. यह मछली न केवल एक आकर्षक शिल्पकला है, बल्कि गांव की सांस्कृतिक धरोहर का अहम हिस्सा भी मानी जाती है.

सदियों पुरानी परंपरा
Bharat.one से बातचीत के दौरान सत्यार्थ प्रकाश ने बताया कि मनिया गांव में यह कारीगरी सदियों से चली आ रही है. पहले यह चांदी की मछली धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों का हिस्सा हुआ करती थी. खासकर शादी-ब्याह और अन्य शुभ अवसरों पर इसे उपहार में दिया जाता था. इसे समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता था, जिससे इसकी मांग और महत्व बढ़ गया.

300 साल पुरानी कला
मनिया की चांदी की मछली का इतिहास भी काफी दिलचस्प है. बताया जाता है कि यह कारीगरी मुगलकाल के समय से चली आ रही है, जब मुगल दरबारों में कला और शिल्प को विशेष महत्व दिया जाता था. गांव के कारीगरों ने उस समय मुगल सम्राटों के दरबार में अपनी कला का प्रदर्शन किया था. यह मछली सिर्फ एक कलाकृति नहीं थी, बल्कि इसे राजाओं और सम्राटों की शाही संस्कृति का प्रतीक भी माना जाता था.

गांव की पहचान और गर्व
मनिया गांव के लोग इस कला पर गर्व महसूस करते हैं और इसे अपनी संस्कृति और पहचान से जोड़कर देखते हैं. यहां के कारीगर इस परंपरा को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. आज, मनिया की चांदी की मछली सिर्फ एक पारंपरिक कला नहीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक धरोहर और कारीगरी का जीवंत उदाहरण बन चुकी है.
इतना ही नहीं, इस गाँव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आते रहते हैं, जिससे इस कला को और अधिक पहचान और सम्मान मिल रहा है.

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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/culture-bihar-silver-fish-maniya-village-craft-local18-9145551.html

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