जयपुर. जयपुर के जवाहर कला केंद्र में चल रहे आदि महोत्सव में देश के अलग-अलग राज्यों की जनजातीय पेंटिंग कलाकार की पेंटिंग खरीदने के लिए लोगों की जमकर भीड़ उमड़ रही हैं. आदि महोत्सव में ऐसे आर्टिस्ट आए हैं जो लाइव पेंटिंग तैयार करते हैं. इसलिए उनकी पेंटिंग लोगों को सबसे ज्यादा आकर्षित करती है.
पेंटिंग में जनजातीय कल्चर की झलक
आदि महोत्सव में महाराष्ट्र के पालघर से आई संगीता वागड़ जो बचपन से ही पेंटिंग का काम करती आ रही हैं, वह इस विधा में इतनी माहिर हो गई हैं की कुछ मिनटों में ही बेहतरीन पेंटिंग तैयार कर देती है. संगीता वागड़ बताती हैं कि वह वारली आर्ट की पेंटिंग तैयार करती हैं इसमें उनकी जनजातीय कल्चर की झलक होती है. इस पेंटिंग में खास तौर पर समाज की हर परम्परा की झलक होती है. संगीता वागड़ बताती हैं कि एक फोटो या पेंटिंग हजारों शब्दों को बयां कर देती है इसलिए उनकी पेंटिंग में भी समाज की परम्परा की झलक होती है.
पति से हुनर सीखकर हो गई उससे भी ज्यादा माहिर
इस महोत्सव में पेंटिग के सबसे ज्यादा कलाकार आए हैं. ऐसे ही मध्यप्रदेश के भोपाल से आई सुनिता देवी जिन्हें अपनी पेंटिंग के लिए राज्य स्तर पर ढ़ेरों अवार्ड मिल चुके हैं, सुनिता देवी बताती हैं कि पेंटिंग का हुनर उन्होंने अपने पति से सीखा और अब पेंटिंग बनाने में अपने पति से भी ज्यादा माहिर हो गई हैं. उनके द्वारा बनाई गई एक सामान्य पेंटिंग 5 हजार रुपये की बिकती हैं. महोत्सव में ऐसे भी कई आर्टिस्ट आए हैं जो लकड़ी पर शानदार नक्काशी कर बेहतरीन पेंटिंग तैयार करते हैं. आदि महोत्सव में इन सभी कलाकारों की पेंटिंग को लोग खूब पंसद कर रहे हैं, पेंटिंग के अलावा आदि महोत्सव में कपड़ों पर भी अनोखी कारीगरी देखने को मिलती है जिसमें अलग-अलग राज्यों की जनजातियों में पहने जाने वाले कपड़ों की डिजाइन बेहद सुंदर और कलात्मक है.
मेले में मौजूद है हर राज्य का यूनिक प्रोडक्ट
आपको बता दें आदि महोत्सव में भारत के 10 से भी अधिक राज्यों से जनजातीय कारीगर आए हैं जिनमें राजस्थान से बगरू प्रिंट, गुजरात से बांधिनी, छत्तीसगढ़ व ओडिशा का डोकरा आर्ट, तेलंगाना की ज्वैलरी, सिक्किम के पारंपरिक वस्त्र, लद्दाख की पश्मीना शॉल जैसे ढ़ेरों प्रोडक्ट शामिल हैं. आदि महोत्सव मेले में शानदार शॉपिंग के साथ अलग-अलग राज्यों के बेहतरीन फूड का भी आनंद ले सकते हैं, साथ ही रात में अलग-अलग राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देख सकते हैं. आपको बता दें कि जवाहर कला केंद्र में आदि महोत्सव मेला 8 दिसंबर तक चलेगा जो सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है. मेले में पब्लिक की एंट्री बिल्कुल फ्री हैं.
FIRST PUBLISHED : December 7, 2024, 18:41 IST
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/culture-tribal-paintings-as-main-centre-of-attraction-in-adi-mahotsava-along-with-live-painting-local18-8880770.html