Wednesday, November 19, 2025
19 C
Surat

Jute Chori ki Rasam : जूते चोरी की रस्म में हुआ विवाद पंहुचा थाने तक,जानें कब से है ये परंपरा ! भगवान के भी खड़ाऊ हुए थे चोरी


Last Updated:

Jute Chori ki Rasam : शादी में जूते चुराने की परंपरा रामायण काल से चली आ रही है. हाल ही में बिजनौर में इस रस्म के दौरान विवाद हुआ और मामला थाने तक पहुंच गया. यह रस्म माहौल को खुशनुमा बनाती है.

जूते चोरी की रस्म में हुआ विवाद पंहुचा थाने,जानें कब से है ये परंपरा

हाइलाइट्स

  • बिजनौर में जूता चुराई की रस्म में विवाद हुआ.
  • विवाद के बाद मामला थाने तक पहुंचा.
  • रस्म रामायण काल से चली आ रही है.

Jute Chori ki Rasam : शादी में जूते चुराने की परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है. शादी के वक्त दुल्हन की छोटी बहन या उसकी सहेलियां दूल्हे के जूते को चुराती है. और वापस देने की बदले में उनसे गिफ्ट अथवा पैसों की डिमांड करती है. जीजा साली के बीच खेले जाने वाला यह बहुत ही रोचक खेल या रस्म कह सकते हैं. इस रस्म के दौरान दूल्हा और दुल्हन पक्ष के लोग एक दूसरे के साथ खूब हंसी मजाक भी करते हैं. दूल्हे की सालियां दूल्हे के ऊपर पैसे लेने के लिए प्रेशर बनती है. उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसमें दुल्हन की बहनों ने जब दूल्हे के जूते चुरा लिए तो पैसों की डिमांड के बदले में बात इतनी बिगड़ गई कि मामला मारपीट और थाने तक जा पहुंचा. यह मामला बिजनौर जिले के गढ़मलपुर गांव के निवासी खुर्शीद की बेटी की शादी के समय हुआ. कब से शुरू हुई थी यह रस्म, आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

रामायण काल से है जूता चुराने की रस्म : यह पहला मौका नहीं है जब दुल्हन की सहेलियां या सालियों ने दूल्हे के जूते चुराये हों. रामायण काल में श्री राम के विवाह में फेरों के बाद उनके जूते भी मां जानकी की सखियों के द्वारा चुराये गये थे.

Money Attraction Tips : अपनी राशि के अनुसार पर्स में रखें एक चीज, अचानक से बरसने लगेगा पैसा! बन जाएंगे करोड़पति

प्रभू श्रीराम के भी हुए जूते चोरी : राम जी के विवाह में फेरों के पश्चात जब मां जानकी की सखियों ने श्री राम से कहा कि आइये ये हमारे देवता हैं उन्हें आप प्रणाम करिये. जब श्रीराम ने देवताओं को प्रणाम करने के लिये अपने खड़ाऊ उतारे तो मां जानकी की सखियों ने उनके खड़ाऊं चुरा लिये.

ऋषियों ने शुरू की परंपरा : विवाह महोत्सव वैदिक रीति रिवाज से किये जाते हैं. कहा जाता है श्वेतकेतु ने सर्वप्रथम विवाह की मर्यादा स्थापित की. भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती से विवाह के लिए भव्य बारात का आयोजन किया था. सतयुग की सबसे भव्य बारात भगवान श्री राम एवं माता सीता के विवाह के अवसर पर आयोजित की गई थी उसी समय ऋषियों ने विवाह उत्सव और सामाजिक संबंधों को प्रगाढ़ करने का अवसर बनाने के लिए कुछ परंपराएं शुरू की. जिनमें जूते यानि खड़ाऊ चोरी करने की परंपरा भी शुरू की.

Main Door Vastu Tips: मेन गेट की दिशा के अनुसार लगाएं एक चीज, घर का वास्तु दोष होगा दूर, जानें मुख्य द्वार का वास्तु नियम

भावुक होता है फेरों का समय : यह रस्म जब की जाती है वह हिंदू परम्परा में फेरों का समय होता है. यह समय दुल्हन और उसके परिवार के लिये सबसे भावुक पल होता है. ऐसे समय में जूते चोरी करके वहां माहौल को हसीं मज़ाक वाला और खुशनुमा बनाया जाता है.

दूल्हे की होती है परीक्षा : जूता चोरी के बदले में जब गिफ्ट या पैसे दिए जाते हैं उससे दूल्हे के व्यवहार और बुद्धि का पता लगता है. इससे दूल्हे की तर्कशक्ति और मिजाज का अंदाजा भी लग जाता है.

homedharm

जूते चोरी की रस्म में हुआ विवाद पंहुचा थाने,जानें कब से है ये परंपरा


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/shoe-stealing-ritual-turns-violent-case-reaches-police-station-know-about-jute-chori-rasam-9160294.html

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img