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Varanasi News: स्वामी नाथ अखाड़े के इतिहास करीब 450 साल पुराना है. रामभक्त गोस्वामी तुलसीदास जी ने इस अखाड़े की स्थापना की थी. वो खुद इस अखाड़े में वर्जिश किया करतें थे, क्योंकि जब वो काशी में प्रवास कर रहे थे तब …और पढ़ें
तस्वीरें शहर के तुलसीघाट पर स्थित स्वामीनाथ अखाड़े की है. इस अखाड़े का दरवाजा साल 2017 में महिलाओं के लिए भी खुल गया. जिसके बाद कड़ी मेहनत कर कई महिला पहलवानों ने अपना लोहा नेशनल स्तर के रिंग तक मनवाया. इस अखाड़े में महिलाओं को कुश्ती के दांव पेंच भी सिखाये जाते हैं. बनारस की बेटी कशिश यादव ने यही प्रैक्टिस कर नेशनल स्तर के कुश्ती में गोल्ड मेडल हासिल किया. इसके अलावा आस्था,पलक सहित कई ऐसी पहलवान है जो स्टेट और दूसरे प्रतियोगिता में मेडल जीत चुकी है.
अखाड़े के रिंग में महिला और पुरूष पहलवानों की कुश्ती का नजारा भी आपको यहां देखने को मिल जाएगा. खासकर नागपंचमी पर यहां पहलवानों का खासा जमावड़ा लगा रहता है. क्योंकि इस दिन अखाड़े में पूजा और अपने बल के प्रदर्शन की पुरानी परंपरा है.
450 साल पुराना है इतिहास
स्वामी नाथ अखाड़े के इतिहास करीब 450 साल पुराना है. रामभक्त गोस्वामी तुलसीदास जी ने इस अखाड़े की स्थापना की थी. वो खुद इस अखाड़े में वर्जिश किया करतें थे, क्योंकि जब वो काशी में प्रवास कर रहे थे तब उन्हें स्थानीय लोग काफी परेशान किया करतें थे. इस अखाड़े के स्वरूप आज भी काफी पुराना है.
विदेशी पहलवान भी कर चुकें है आजमाइश
स्वामीनाथ अखाड़े के महंत विश्वम्भर नाथ मिश्र ने बताया की गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा स्थापित यह अखाड़ा काशी के प्राचीन धरोहरों में से एक है जिसे संजोया गया है. इस अखाड़े में आपको विदेशी पहलवान भी कभी कभी नजर आएंगे. इसके अलावा लोग इस अखाड़े की ऐतिहासिकता को देखने के लिए भी यहां आतें है.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/culture-varanasi-swami-nath-akahada-trained-women-wrestlers-connection-with-ram-devotee-tulsidas-local18-9419685.html