बुरहानपुर. मध्य प्रदेश में पर्व मनाने की अपनी-अपनी परंपरा है. मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के बुरहानपुर जिले में भी एक परंपरा ऐसी है कि साल में एक दिन मंदिर पर हनुमान जी के दर्शन करने के लिए बेल पहुंचते हैं. इस दिन यह बेल खेतों में और कहीं पर भी कोई काम नहीं करते हैं. किसान भी उनसे कोई काम नहीं करवाते हैं. उनको नए वस्त्र और नए-नए रस्सी के आभूषण पहनकर मंदिर पर दर्शन करने के लिए लेकर जाते हैं. मेले में शामिल होते हैं. यह बुरहानपुर के रास्तीपुरा क्षेत्र में स्थित करीब 100 साल पुराने हनुमान मंदिर पर मेला लगता है. जहां पर पोला पर्व मनाया जाता है.
100 साल पुरानी परंपरा का होता है निर्वहन
Bharat.one की टीम को क्षेत्र के किसान सुधाकर महाजन ने जानकारी देते हुए बताया कि यह करीब 100 साल पुराना हनुमान जी का मंदिर है. यहां आज भी 100 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन किया जाता है. पोला पर्व के अवसर पर सभी किसान अपने बैलों को नहला-धुला कर नए वस्त्र और रस्सी के नए आभूषण पहनाकर हनुमान जी के दर्शन करने के लिए लेकर आते हैं.
हनुमान जी के दर्शन करने के बाद यहां पोला पर्व पर मेला होता है. उसमें शामिल होते हैं करीब 100 से अधिक बैल आज भी इस पर्व पर शामिल हुए. जिन्होंने हनुमान जी के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया. किसानों का कहना है कि हनुमान जी ही इन्हें काम करने की शक्ति देते हैं. जो साल भर हमारे खेतों में काम करते हैं. इन्हें बल और शक्ति मिलती है.
मेले में लगती है चाट पकौड़ी की दुकानें
इस मेले में चार्ट पकौड़ी गुब्बारे और खिलौने की दुकानें भी लगती है. जहां पर आसपास के क्षेत्र के लोग भी इस मेले में शामिल होते हैं. हनुमान जी के दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लेते हैं. यह मेला साल में एक बार पोला पर्व पर लगता है.
FIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 22:27 IST
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