हरिद्वार. सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व बताया गया है. अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है. अनंत चतुर्दशी का वर्णन अग्नि पुराण में मिलता है. इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखकर पूजा पाठ किया जाए तो जीवन में आई सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं और भगवान विष्णु सदैव कृपा बनाए रखते हैं. हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है, इस दिन गणपति जी की मूर्ति का विसर्जन भी होता है.
अनंत चतुर्दशी व्रत में फलों का सेवन करना वर्जित होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार शाम के समय भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने के बाद नमक वाली खाने की चीज खा सकते हैं. अनंत चतुर्दशी का व्रत श्रद्धा भक्ति भाव और पवित्रता के साथ किया जाता है. इस व्रत को करने वाले श्रद्धालुओं को विशेष तौर पर इस व्रत से जुड़े नियमों का पालन जरूर करना चाहिए.
अनंत चतुर्दशी का महत्व
हरिद्वार के प्रसिद्ध और विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने बताया कि अनंत चतुर्दशी का व्रत साल 2024 में भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 17 सितंबर मंगलवार को किया जाएगा. यह व्रत भगवान विष्णु के निमित्त किया जाता है. जिसमें भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा करने का महत्व होता है. वही यह व्रत गुरु बृहस्पति के निमित्त भी किया जाता है. अनंत चतुर्दशी का व्रत शाम तक करने का विधान है. प्रातः काल सूर्योदय से पहले स्नान ध्यान करके विष्णु भगवान के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है.
अनंत चतुर्दशी पर करें ये काम
पंडित श्रीधर शास्त्री ने बताया कि इस दिन एक धागे में 14 गांठ लगाकर उसे शास्त्रों में बताई गई विधि के अनुसार हल्दी से रंग ले. इसके बाद अनंत सूत्र को विष्णु भगवान के मंदिर या उनकी तस्वीर के चरणों में रखकर श्रद्धा भक्ति भाव से पूजा पाठ करें. भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने के बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करना चाहिए और इसके बाद अनंत सूत्र को अपनी बाजू में बांध ले. इससे जीवन में आई सभी परेशानियां खत्म हो जाती है और भगवान विष्णु की कृपा सदैव बनी रहती है.
अनंत चतुर्दशी की पूजन विधि
पंडित श्रीधर शास्त्री ने बताया कि धार्मिक ग्रंथो के अनुसार इस व्रत को करने के दौरान फलों का सेवन करना वर्जित होता है. इस व्रत में फलों का सेवन करने पर दोष लगता है. शाम के समय सूर्यास्त के समय नमक वाली खाने की वस्तुएं ले सकते हैं. विशेष तौर पर इस व्रत को पवित्रता के साथ करना चाहिए. भगवान विष्णु के ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ और ‘ॐ विष्णवे नमः’ मंत्रो का जाप मन ही मन करते रहने से इसका फल ओर अधिक बढ़ जाता है. शाम के समय विष्णु भगवान के चतुर्भुज रूप की पूजा करने के बाद उन्हें भोग लगाएं और प्रसाद वितरण करें. साथ ही इस दौरान यदि आप किसी को भोजन कराते हैं तो अनंत चतुर्दशी का संपूर्ण फल प्राप्त होता है.
Note: अनंत चतुर्दशी व्रत के बारे में ओर अधिक जानकारी करने के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 19:14 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.