What Is Asoj Amavasya: हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का बिगुल पूर्व में ही बज चुका था. शासन से लेकर स्थानीय प्रशासन तक सभी तैयारियां हो चुकी थीं. लेकिन, अचानक से चुनाव आयोग ने वोटिंग की तारीख को बदल दिया है. चुनाव आयोग ने वोटिंग तिथि में बदलाव की वजह असोज अमावस्या को बताया गया है. इसलिए अब हरियाणा विधानसभा चुनाव की 90 सीटों पर चुनाव अब 1 अक्टूबर की बजाए 5 अक्टूबर को होंगे. इसके नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे. अब सवाल है कि आखिर असोज अमावस्या क्या है? जिसकी वजह से चुनाव आयोग को बदलनी पड़ी हरियाणा इलेक्शन की डेट? हरियाणा चुनाव से इसका कनेक्शन क्या? क्या है असोज अमावस्या का इतिहास और कब लगेगा मेला? आइए जानते हैं इस बारे में-
असोज अमावस का हरियाणा चुनाव कनेक्शन
चुनाव आयोग के मुताबिक, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा बीकानेर (राजस्थान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष से एक ज्ञापन प्राप्त हुआ था. ज्ञापन में बताया गया कि 2 अक्टूबर को ‘आसोज अमावस’ है. इस शुभ दिन हरियाणा ही नहीं, पंजाब और राजस्थान से भी बड़ी तादाद में बिश्नोई समुदाय के लोग गुरु जम्बेश्वर की याद में असोज अमावस पर राजस्थान में अपने पैतृक गांव मुकाम आते हैं. ऐसी स्थिति में अमावस पर राजस्थान जाने वाले लोग अपना मताधिकार नहीं कर पाएंगे.
क्या होती है आसोज अमावस्या?
असोज अमावस्या बिश्नोई समाज के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इसको लोग परिवार के साथ बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं. यह पर्व बिश्नोई समाज के संस्थापक गुरु जम्बेश्वर की याद में मनाया जाता है. कहा जाता है कि राजस्थान के बीकानेर में मुकाम नामक गांव में ही गुरु जम्बेश्वर को समाधि दी गई थी. इसलिए इस जगह को अब मुक्ति धाम कहा जाता है. बिश्नोई समाज का मानना है कि यहां निष्काम भाव से सेवा करने वालों को मोक्ष प्राप्त हो जाता है.
हर साल लगते हैं 2 मेले
मुकाम मंदिर में हर साल दो मेल लगते हैं. इसमें पहला फाल्गुन अमावस्या पर और दूसरा आसोज अमावस के दिन. कहा जाता है कि, फाल्गुन अमावस्या पर मेले का आयोजन सदियों से चला आ रहा है. लेकिन, आसोज अमावस का मेला संत विल्होजी ने 1591 ई. में शुरू किया था. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि मेले की सी व्यवस्थाएं अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा एवं अखिल भारतीय गुरु जम्बेश्वर सेवक दल द्वारा होती है.
इस बार कब लगेगा आसोज अमावस्या मेला?
आसोज अमावस्या 1 अक्टूबर को रात 9:39 बजे से लेकर 3 अक्टूबर की रात 12:18 मिनट तक रहने वाली है. इसलिए इस बार आसोज अमावस का मेला 2 अक्टूबर 2024 को लगने वाला है. इस मेले में हजारों की संख्या में पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के बिश्नोई समाज के लोग गांव में पहुंचते हैं.
राजस्थान में कहां लगता है मेला?
आसोज अमावस्या का मेला राजस्थान के बीकानेर जिले की नोखा तहसील के मुकाम गांव में लगता है. ये जगह बीकानेर के जिला मुख्यालय से करीब 63 किलोमीटर दूर और नोखा तहसील से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित है.समाज के संतों की सहायता से पूरा करवाया गया था.
FIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 08:04 IST