इस दिन भक्त प्रदोष व्रत रखते हैं.भोलेनाथ की पूरे विधि विधान पूजा करते हैं.
Ravi Pradosh Upay: देवों के देव महादेव की कृपा प्राप्ति के लिए कई सारे व्रत और खास पर्व साल में आते हैं. वहीं, सप्ताह का सोमवार उनकी पूजा के लिए विशेष माना गया है. इसके अलावा, हर महीने की त्रयोदशी का भी अत्यधिक महत्व माना गया है. इस दिन भक्त प्रदोष व्रत रखते हैं और भोलेनाथ की पूरे विधि विधान पूजा करते हैं. फिलहाल, अश्विन माह की त्रयोदशी तिथि 29 सितंबर रविवार यानी आज पड़ रही है. इसे रवि प्रदोष कहा गया है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार, खास बात ये है कि, प्रदोष व्रत पितृपक्ष के बीच में पड़ रहा है ऐसे में यदि आप कुछ सरल उपाय इस अवधि में करते हैं तो आपको भगवान शिव के साथ अपने पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त हो सकता है. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में.
माथे पर तिलक लगाएं
दिन के हिसाब से प्रदोष व्रत को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. फिलहाल, रवि प्रदोष पर आप सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि के बाद सफेद रंग के वस्त्र धारण करें और जब महादेव की पूजा करें तो शिवलिंग पर जल, तिल और शमी के पत्ते अर्पित करें. साथ ही आप शिव चालीसा का पाठ करें और पूजा के बाद अपने माथे पर तिलक जरूर लगाएं.
इस मुहूर्त में पूजा करें
इस व्रत के दिन पूजा के लिए सबसे अच्छा समय प्रदोष काल ही माना गया है. इसलिए इस मुहूर्त में ही पूजा करें. इस दौरान आप शिवलिंग पर केसर और शक्कर जरूर अर्पित करें. ऐसी मान्यता है कि यदि आपको धन संबंधी समस्या है तो इस उपाय से आपकी समस्या का समाधान हो सकता है. साथ ही आपसे भोलेनाथ प्रसन्न होंगे.
इन चीजों का दान करें
रवि प्रदोष का व्रत रखने वाले जातकों को इस दिन सफेद वस्त्र, दूध, दही और चावल आदि सफेद चीजों का दान जरूर करना चाहिए. इसके अलावा आप इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को कपड़े, खाना, फलों का दान भी करें. इस उपाय से ना सिर्फ भगवान शिव आपसे प्रसन्न होंगे बल्कि आपके पितर भी खुश होकर आशीर्वाद देंगे.
FIRST PUBLISHED : September 29, 2024, 07:18 IST