देवघर: वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद का महीना भगवान गणेश को समर्पित रहता है, क्योंकि इसी महीने में गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान गणेश प्रथम पूज्य माने जाते हैं. बिना इनको पूजे कोई भी पूजा सफल नहीं मानी जाती. भगवान गणेश की पूजा करने से घर में खुशहाली आती है और सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं. गणेश चतुर्थी भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. जानिए इस साल क्या-क्या है खास…
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one को बताया कि गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. यह 10 दिन तक चलता है. इस साल चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 9 मिनट से शुरू होने वाली है. इस तिथि का समापन 7 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 6 मिनट पर होगा. ऐसे में दो दिन चतुर्थी पड़ रही है. तिथि को लेकर थोड़ी कंफ्यूजन है, लेकिन उदया तिथि के अनुसार, 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी पर्व मनाया जाएगा.
बन रहे कई शुभ योग
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि किसी भी पर्व पर अगर शुभ योग का निर्माण हो जाता है तो उस दिन पूजा का फल दोगुना हो जाता है. इस साल गणेश चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है. ये तीनों योग बेहद शुभ हैं. इस योग में भगवान गणेश की पूजा करना अत्यंत फलदायी है. किसी भी नए कार्य की शुरुआत इस दिन कर सकते हैं.
गणेश प्रतिमा स्थापना का मुहूर्त
7 सितंबर को भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाएगी. उसी दिन व्रत भी रखा जाएगा. उस दिन रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6 बजकर 2 मिनट से शुरू हो रहा है और 12 बजकर 23 मिनट तक रहने वाला है, इसलिए इसी समय में मूर्ति की स्थापना करें तो शुभ रहने वाला है.
FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 20:09 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.