विकाश कुमार/ बांदा : हमारे देश में कई धार्मिक स्थल हैं और सब धार्मिक स्थानों की अलग-अलग मान्यताएं भी हैं. ऐसे में हम बुंदेलखंड के एक ऐसे माता के मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जो 52 शक्तिपीठों में से एक है. बताया जाता है कि यह माता पत्थर की शिला के रूप में प्रकट हुई थी, जिसके दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं और माता रानी से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करवाते हैं.
पत्थर की शिला में प्रकट हुई थी माता
हम बात कर रहे हैं बुंदेलखंड के बांदा जिले में स्थित मां महेश्वरी देवी मंदिर की. यहां पर मां महेश्वरी देवी माता पत्थर की शिला के रूप में प्रकट हुई थी, जिनके दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग आज भी मंदिर में पहुंचते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि एक कुम्हार पुराने समय में मिट्टी की खुदाई कर रहा था. तभी खुदाई करते समय देवी की प्रतिमा प्राप्त हुई, जो एक शीला के रूप में थी. इसके बाद से ही भक्त वहां पहुंचकर देवी प्रतिमा की पूजा अर्चना करने लगे. जैसे-जैसे लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती रही, वैसे-वैसे भक्तों के द्वारा उनका भव्य मंदिर तैयार करवा दिया गया. आज इस मंदिर में हजारों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं.
पुजारी ने दी जानकारी
वहीं मंदिर के पुजारी छोटे लाल ने बताया कि एक समय यहां खूब घना जंगल हुआ करता था. तभी माता रानी ने यहां के लोगों को सपना दिया .उसी दौरान कुम्हार के द्वारा जमीन को खोदा गया. खोदने के दौरान एक पत्थर की शिला में महेश्वरी देवी विराजमान मिली. तभी से उसी स्थान में उनकी मडिया बनाकर उसी स्थान में माता को स्थापित कर दिया गया. इसके बाद लोग यहां माता महेश्वरी देवी के दर्शन और पूजन के लिए आने लगे और जैसे-जैसे लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती गई. वह लोग अपनी श्रद्धा अनुसार मंदिर का निर्माण करवाने लगे और आज इस मंदिर में देश के कोने-कोने से भक्त आते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति माता रानी से करवाते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 16:50 IST
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