प्रत्येक सोमवार व शुक्रवार को वैरागन के अवसर पर यहां किसान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है . मंदिर के स्थापना को लेकर यह दावा है कि साल 1595 में बादशाह अकबर ने मुरार शाही को चौथम तहसील प्रदान किया था.
प्रत्येक सोमवार व शुक्रवार को वैरागन के अवसर पर यहां किसान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है . मंदिर के स्थापना को लेकर यह दावा है कि साल 1595 में बादशाह अकबर ने मुरार शाही को चौथम तहसील प्रदान किया था.
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