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इस मंदिर में 16 साल से अकेले रह रहे हैं भगवान कृष्ण, कैद में है राधा रानी, जानिए वजह


अखंड प्रताप सिंह/ कानपुर:देशभर में जन्माष्टमी पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. कानपुर महानगर में भी भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई है. कानपुर में यूं तो कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, लेकिन एक मंदिर की कहानी बेहद अलग है. आप जब भी भगवान श्री कृष्ण के मंदिर में जाते होंगे, तो वहां पर भगवान श्री कृष्ण के साथ राधा रानी भी आपको मिलती है. लेकिन कानपुर के एक मंदिर में बीते 16 सालों से भगवान श्री कृष्ण अकेले रह रहे हैं. वहीं उनकी राधा रानी थाने के माल खाने में कैद है. जानें इस मंदिर की कहानी.


16 साल पहले हुई थी मंदिर में चोरी

मामला कानपुर महानगर के घाटमपुर थाना क्षेत्र के भदरस गांव का है, जहां एक बेहद प्राचीन लगभग 100 साल से अधिक पुराना राधा कृष्ण भगवान का मंदिर है. 16 साल पहले वर्ष 2008 में इस मंदिर पर चोरी हुई थी, जिसमें यहां से राधा रानी की अष्टधातु की मूर्ति को चोरों ने चुरा लिया था. तब इस मंदिर के पुजारी ने मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस ने चोरों को गिरफ्तार किया था और उन्हें जेल भेज दिया था. वहीं उनसे मूर्ति भी बरामद कर ली गई थी, लेकिन तब से राधा रानी की वह मूर्ति और कई अन्य छोटी मूर्तियां घाटमपुर थाने में ही माल खाने में कैद है. जो अभी तक मंदिर में लौटकर नहीं आ पाई है. हर साल जब जन्माष्टमी आती है, तो भक्तों को राधा रानी की कमी खलती है. वहीं अब राधा रानी को दोबारा मंदिर में लाने के लिए कमेटी ने विधायक से मूर्ति को रिलीज करने की मांग की है.

मंदिर की देखरेख करने वाले पुजारी राजेश खरे ने बताया कि 16 साल पहले इस मंदिर पर चोरी हुई थी जहां राधा रानी की अष्टधातु की मूर्ति को चोर चुरा ले गए थे. मूर्ति बरामद हो गई थी, लेकिन अभी तक मंदिर में वापस लाई नहीं गई है. वहीं हर साल जन्माष्टमी पर राधा रानी की कमी खलती है. क्योंकि भगवान राम का वनवास तो 14 साल में खत्म हो गया था, लेकिन यहां 16 वर्ष हो जाने के बाद भी राधा रानी अभी भगवान श्री कृष्ण से नहीं मिल पाई है. वहीं घाटमपुर विधायक सरोज कुरील ने बताया कि राधा कृष्ण के मंदिर में राधा रानी की मूर्ति माल खाने में बंद होने की बात पता चली है. उन्होंने कहा कि वह जल्द ही  राज्य संपति विभाग को पत्र लिखकर घाटमपुर थाने में माल खाने में बंद सभी मूर्तियों को मंदिर में दोबारा स्थापित करने का काम कराएंगे.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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