Monday, February 17, 2025
23.5 C
Surat

ऋषिकेश का प्रसिद्ध मंदिर: महाशिवरात्रि पर निकलती है भोलेनाथ की अनोखी बारात, शिव-पार्वती विवाह के साक्षी बनते हैं हजारों भक्त


Agency:Bharat.one Uttarakhand

Last Updated:

Maha Shivratri 2025: पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शंकर ने यहां एक स्वयंभू शिवलिंग की स्थापना की थी. मान्यता है कि सोमेश्वर महादेव मंदिर में आने से शिव कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

X

सोमेश्वर

सोमेश्वर महादेव मंदिर ऋषिकेश का प्राचीन मंदिर है.

ऋषिकेश. उत्तराखंड में स्थित ऋषिकेश एक पावन तीर्थस्थल है. इस पौराणिक और दिव्य तीर्थस्थल में सोमेश्वर महादेव मंदिर (Someshwar Mahadev Temple Rishikesh) का विशेष स्थान है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहां महाशिवरात्रि (Maha Shivratri 2025) का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. मंदिर से निकलने वाली शिव बारात और शिव-पार्वती विवाह इसे और भी खास बनाते हैं. इस आयोजन में भक्तगण पूरे श्रद्धा भाव से शामिल होते हैं और नगर एक भक्तिमय वातावरण में डूब जाता है.

Bharat.one के साथ बातचीत में महंत रामेश्वर गिरी ने कहा कि सोमेश्वर महादेव मंदिर को ऋषिकेश के सबसे पुराने शिव मंदिरों में गिना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने स्वयं यहां प्रकट होकर एक स्वयंभू शिवलिंग की स्थापना की थी. भक्तों के बीच मान्यता है कि इस मंदिर में आने से शिव कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. पूरे साल यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है लेकिन महाशिवरात्रि के दिन यह स्थान विशेष रूप से भक्तिमय हो जाता है.

शिवरात्रि पर अनोखी शिव बारात
उन्होंने कहा कि हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर से एक विशाल शिव बारात निकाली जाती है, जो पूरे शहर में घूमती है. इस बारात की खास बात यह है कि इसमें नागा साधु अपनी पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होते हैं और अपने करतब दिखाते हैं. भक्तजन भगवान शिव, माता पार्वती, नंदी, भूत-प्रेतों और गणों के रूप में सजे हुए रहते हैं. पूरा नगर भगवान शिव के जयकारों से गूंज उठता है. शिव बारात के बाद नगर के प्रसिद्ध त्रिवेणी घाट पर शिव-पार्वती विवाह का आयोजन होता है. इस विवाह में माता पार्वती भगवान शिव के गले में वरमाला डालकर उनकी अर्धांगिनी बनती हैं. यह अद्भुत नजारा देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु ऋषिकेश आते हैं. पुरोहित मंत्रोच्चार करते हैं और भक्तगण शिव-पार्वती के मिलन के साक्षी बनते हैं. पूरे विधि-विधान से विवाह संपन्न होता है.

विवाह के बाद विशाल भंडारा
शिव-पार्वती विवाह के बाद एक विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं. लोग इसे शिव कृपा मानकर ग्रहण करते हैं और अपनी भक्ति को और प्रगाढ़ करते हैं. सोमेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि का यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक अलौकिक अनुभव है. शिव बारात, शिव-पार्वती विवाह और विशाल भंडारा इस उत्सव को भव्यता प्रदान करते हैं.

homedharm

ऋषिकेश का प्रसिद्ध मंदिर, महाशिवरात्रि पर निकलती है भोलेनाथ की अनोखी बारात

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img