अयोध्या: प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का पर्व मनाया जाता है. कजरी तीज का पर्व रक्षा बंधन के 3 दिन बाद तथा कृष्ण जन्माष्टमी के 5 दिन पहले मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक कजरी तीज के दिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर संतान प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं और भगवान शंकर तथा माता पार्वती की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करती हैं. तो चलिए इस रिपोर्ट में जानते हैं कब है कजरी तीज, क्या है इस व्रत का महत्व और पूजन का शुभ मुहूर्त.
दरअसल अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 21 अगस्त शाम 5:06 से होगा तथा समापन 22 अगस्त दोपहर 1:46 पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार कजरी तीज का व्रत 22 अगस्त को मनाया जाएगा.
क्यों मनाया जाता है कजरी तीज का व्रत?
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि धार्मिक मान्यता के मुताबिक कजरी तीज संतान प्राप्ति के लिए मनाई जाती है. स्त्रियां संतान सुख की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है. कजरी तीज के दिन स्त्रियां साज-श्रृंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके सुखी वैवाहिक जीवन और संतान प्राप्ति की कामना करती हैं. कई जगहों पर इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के झूले को फूलों से सजाकर कृष्ण भजन भी गाए जाते हैं. पौराणिक मान्यता है कि इस दिन देवी पार्वती पहली बार भगवान शिव से मिली थी.
FIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 13:10 IST
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