हरिद्वार. हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की शुरुआत हिंदू धर्म में विशेष फल प्रदान करने वाली होती है. भाद्रपद माह में जहां भगवान विष्णु ने धरती पर श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था वहीं भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को अखंड सौभाग्य का फल प्रदान करने वाली कजरी तीज का व्रत मनाया जाएगा. कजरी तीज के व्रत का फल सुहागन महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी लड़कियों को भी प्राप्त होता हैं. यह व्रत माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित व्रत होता है. इस व्रत को पूरे विधि विधान से करने पर सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का फल प्राप्त होता है तो वही कुंवारी लड़कियों को भगवान शिव के समान अच्छे वर की प्राप्ति होती है.
भगवान शिव को पति रूप में पाने का संकल्प लेकर कजरी तीज का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने किया था. माता पार्वती ने इस व्रत को करीब 150 साल तक किया था जिसके बाद माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सुहागन महिलाओं के साथ-साथ इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं. कजरी तीज के व्रत का प्रचलन उत्तर भारत में अधिक है.
कब है कजरी तीज?
हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने बताया कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारम्भ 21 अगस्त, 2024 को शाम 05 बजकर 06 मिनट पर हो रहा है. वहीं इस तिथि का समापन 22 अगस्त, 2024 को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, कजरी तीज का व्रत गुरुवार, 22 अगस्त को किया जाएगा.
कजरी तीज का महत्व
पंडित श्रीधर शास्त्री ने बताया कि कजरी तीज का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है. इस व्रत को करने से सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का फल प्राप्त होता है. जो कुंवारी लड़कियां इस व्रत को पूरे विधि विधान के साथ करती हैं उन्हें शिव के समान अच्छा वर प्राप्त होता है. कजरी तीज के व्रत को पूरे विधि विधान से करने पर घर में सुख शांति बनी रहती है और धन का आगमन होता रहता है.
Note: कजरी तीज के बारे में पूरी जानकारी करने के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 12:58 IST